किसान के बेटे, सेना के जवान ने बॉक्सिंग में लगाया भारत मां की झोली में स्वर्ण पदक

2

एशियन गेम्स में हरियाणवी ‘किसान’ के ‘जवान’ बेटे ने लहराया तिरंगा, फाइनल में रियो ओलम्पिक चैंपियन को हराकर जीता गोल्ड…
इंडोनेशिया के जकार्ता में चल रहे एशियन गेम्स में भारतीय दल के खिलाड़ी लगातार देश के लिए पदक जीतने का प्रयास कर रहें हैं.. इसी कड़ी में 22 साल के युवा मुक्केबाज अमित पंघल ने प्रतियोगिता के 14वें दिन पुरुष की 49 किलोग्राम भार वर्ग स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसामातोव को 3-2 से हराकर गोल्ड अपने किया…
फाइनल में अमित पंघाल के जानदार प्रदर्शन के आगे घुटने टेकने वाले उज्बेक खिलाड़ी दुसामातोव 2016 में हुए रियो ओलम्पिक के गोल्डमेडलिस्ट हैं.. जिससे अमित की ये जीत और भी बड़ी हो जाती है..
अमित पंघाल हरियाणा में रोहतक जिले के मायना गांव के रहने वाले हैं.. उनके पिता एक किसान हैं, और बड़े भाई अजय पंघल भारतीय सेना में हैं..अमित भारतीय सेना में जेसीओ के पद पर तैनात हैं… सन् 2017 में वो नेशनल चैम्पियन बनें…. इसके बाद तो उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा… इसी साल हुए कॉम्नवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल भी जीता था..अमित ने शुरुआत में मुक्केबाजी के पंच गांव में ही अपने चाचा से सीखे हैं.. और आज की सफलता भी कहीं ना कहीं मायना गांव की मिट्टी में की गई मेहनत की ही देन हैं…
हरियाणा के एक छोटे से गांव से आने वाले इस धाकड़ बॉक्सर ने जय- जवान जय-किसान के नारे को एक बार फिर सार्थक कर दिया है.. क्योंकि वो एक जवान भी हैं और किसान भी…जीत के बाद जब तिरंगा सबसे ऊपर लहरा रहा था..तब हर देशवासी को भारतीय होने पर गर्व महसूस हो रहा था… इंडोनेशिया में उनकी ये उपलब्धि भारतीय नौजवानों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी..