कभी हार न मानने के जज्बे ने कोबे को बनाया दिग्गज

1

कभी हार न मानने के जज्बे, कड़ी प्रतिस्पर्धा और सटीकता के कारण कोबे ब्रायंट एनबीए के दिग्गज बने और वह अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गये जिसने नेशनल बास्केटबॉल लीग की नयी पीढ़ी और दुनिया भर के प्रशंसकों को प्रेरित किया। ब्रायंट की रविवार को 41 साल की उम्र में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गयी। वह लॉस एंजिलिस लेकर्स के साथ 20 साल तक जुड़े रहे और इस दौरान उनकी टीम ने पांच एनबीए खिताब जीते। कोबे बीन ब्रायंट पूर्व एनबीए खिलाड़ी जो ‘जेलीबीन’ ब्रायंट के बेटे थे। उनका 23 अगस्त 1978 को फिलाडेल्फिया में जन्म हुआ था।

ब्रायंट ने शाकिल ओ नील के साथ मिलकर लेकर्स को 2000, 2001 और 2002 में खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी। इस तरह से वह 23 साल की उम्र में तीन खिताब जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। इसके बाद ओ नील ने ब्रायंट के साथ झगड़े के कारण लेकर्स को छोड़ दिया। इससे ब्रायंट का खेल भी प्रभावित हुआ और इसके बाद स्पेन के पाउ गैसोल के आने तक उनकी टीम कोई खिताब नहीं जीत पायी। ब्रायंट की अगुवाई में लेकर्स ने 2009 और 2010 में खिताब जीते। बाद में उनकी ओ नील से सुलह हो गयी थी।ब्रायंट की अगुवाई में अमेरिका की ओलंपिक टीम ने 2008 बीजिंग ओलंपिक और 2012 लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे। इससे वह वैश्विक हस्ती बन गये थे। उन्होंने कई शानदार प्रदर्शन किये लेकिन 22 जनवरी 2006 को टोरंटो रैप्टर्स के खिलाफ उनके प्रदर्शन को कोई नहीं भुला सकता जब उन्होंने 81 अंक बनाये। उनसे अधिक अंक केवल विल्ट चैंबरलेन (100 अंक) ने 1962 में बनाये थे। यही नहीं 2016 में 37 साल की उम्र में उन्होंने एनबीए के अपने अंतिम मैच में भी उटाह के खिलाफ 60 अंक बनाये थे।

ब्रायंट ने कहा था, मैं इस खेल की हर चीज को पसंद करता हूं। मेरे लिए, यह जीवन का हिस्सा नहीं है, यह जीवन है, और यह मेरा एक हिस्सा है। अपने चमकदार करियर में ब्रायंट ने कुल 33,643 अंक बनाये। उन्हें 18 बार एनबीए ऑल स्टार चुना गया। ब्रायंट को 2008 में एनबीए का सबसे उपयोगी खिलाड़ी चुना गया था। संन्यास लेने के बाद ब्रायंट ने बच्चों के लिये पुस्तकें लिखी। ‘डियर बॉस्केटबॉल’ फिल्म की स्क्रिप्ट भी उन्होंने ही लिखी थी। इसे पिछले साल एनीमेशन के लिये सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म का अकादमी पुरस्कार मिला था।