
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा निर्देशित ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत देहरादून पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 फर्जी साधुओं को गिरफ्तार किया है। इनमें एक व्यक्ति बांग्लादेश का नागरिक निकला, जिसे सहसपुर क्षेत्र से पकड़ा गया। उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। शेष सभी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें हिदायत देकर जमानत पर रिहा कर दिया गया।
मुख्यमंत्री स्वयं उतरे थे सड़कों पर
मुख्यमंत्री ने साधु वेश में घूम रहे फर्जी बाबाओं के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में उन्होंने स्वयं नेहरू कॉलोनी और अन्य इलाकों में पुलिस के साथ मिलकर सत्यापन और चेकिंग अभियान में भाग लिया। अभियान के दौरान कई ऐसे लोग पकड़े गए जो भगवा वस्त्र पहनकर लोगों को भविष्य बताने और गृहक्लेश दूर करने के नाम पर ठगने की कोशिश कर रहे थे।
देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद जिले के सभी थानों को अलर्ट किया गया है। पुलिस टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि साधु के वेश में घूम रहे लोगों की सघन जांच की जाए और संदिग्धों से जरूरी दस्तावेज मांगे जाएं। चेकिंग के दौरान ऐसे कई लोग मिले जिनके पास अपनी पहचान से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं था।
बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ जारी
सहसपुर से पकड़ा गया व्यक्ति रुकन रकम उर्फ शाह आलम बांग्लादेश का निवासी है। उसके पास से कोई भारतीय दस्तावेज नहीं मिला है। फिलहाल उससे आईबी (Intelligence Bureau) और एलआईयू (Local Intelligence Unit) की टीमें पूछताछ कर रही हैं। उसकी भारत में गतिविधियों को लेकर जांच चल रही है।
बाकी गिरफ्तार साधु दूसरे राज्यों से
पुलिस के अनुसार पकड़े गए अन्य 24 फर्जी बाबाओं में से 20 से अधिक उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। सभी को शांतिभंग की धाराओं में गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
गिरफ्तार किए गए फर्जी साधु
‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत देहरादून पुलिस ने जिन 25 फर्जी साधु व बाबाओं को गिरफ्तार किया, उनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और असम जैसे विभिन्न राज्यों के निवासी शामिल हैं। गिरफ्तार व्यक्तियों में उत्तर प्रदेश के प्रदीप (ग्राम सुनहरी खड़खड़ी, सहारनपुर), अजय चौहान (कल्याणपुर, सहारनपुर), कोमल कुमार और अश्वनी कुमार (सासनी, हाथरस), राहुल जोशी (हल्दौर, बिजनौर), रामकुमार (बुलंदशहर), और सुरेश लाल (बलिया) शामिल हैं। राजस्थान से शिनभु, सुगन योगी, मोहन जोशी, नवल सिंह, भगवान सह, हरिओम योगी, और गिरधारीलाल (अलवर व दौसा) को पकड़ा गया। हरियाणा से रामकृष्ण और शौकी नाथ (जगाधरी, यमुनानगर) गिरफ्तार हुए, जबकि हिमाचल प्रदेश से अनिल गिरी (मुबारिकपुर, ऊना), और उत्तराखंड से मंगल सिंह, रोझा सिंह (कांवली रोड, देहरादून), राजानाथ (मोथरोवाला), मदन सिंह (चंपावत), मोहम्मद सलीम (पिरान कलियर, हरिद्वार), और काकू (टपरी बस्ती, हरिद्वार) को पकड़ा गया। इसके अलावा, असम से अर्जुन दास (होरियो तुला) को भी गिरफ्तार किया गया। ये सभी साधु वेश में लोगों को गुमराह कर रहे थे और दस्तावेजों की जांच में अपनी पहचान प्रमाणित नहीं कर पाए।
जिला पुलिस को ‘ऑपरेशन कालनेमि’ को सख्ती से और निरंतर रूप से जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस का कहना है कि धार्मिक आस्था के नाम पर लोगों को गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऑपरेशन कालनेमि देहरादून में फर्जी बाबाओं के खिलाफ कड़ा संदेश बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी में चल रहे इस अभियान से साफ है कि धार्मिक वेशभूषा के पीछे छिपे ठगों को बख्शा नहीं जाएगा।













