
उत्तराखंड की आस्था, परंपरा और दिव्यता का प्रतीक चारधाम यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल से शुरू हो रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु देशभर से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर निकलेंगे। यह यात्रा केवल तीर्थ नहीं, बल्कि आत्मिक अनुभव है, जो व्यक्ति को मोक्ष के द्वार तक पहुंचाने वाली मानी जाती है।
चारधाम यात्रा से पहले बद्री-केदार मंदिर समिति (BKTC) के CEO विजय प्रसाद थपलियाल ने केदारनाथ धाम क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और तैयारियों का जायज़ा लिया। इसी दौरान ओंकारेश्वर मंदिर में मद्महेश्वर और तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथियां भी घोषित की गईं।
तुंगनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे
मद्महेश्वर धाम के कपाट 21 मई को खोले जाएंगे
तैयारियों में कोई कसर नहीं – सरकार और प्रशासन मुस्तैद
इस पावन यात्रा को सरल, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए इस बार शासन और स्थानीय प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सुरक्षा के लिए पूरे मार्ग में पर्याप्त पुलिस बल, ITBP और SDRF की टीमें तैनात की जाएंगी। चिकित्सा सुविधा के लिए यात्रा मार्ग में कई मेडिकल कैंप, हेल्थ चेकअप पॉइंट और 24×7 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध रहेगी। यात्रियों की सुविधा के लिए शटल सेवा, पार्किंग और ठहरने के लिए आधुनिक सुविधाएं तैयार की गई हैं।
तकनीक से होगी यात्रा आसान
इस बार की यात्रा में तकनीक का बड़ा रोल देखने को मिलेगा। ई-पास सिस्टम से पंजीकरण सरल, GPS ट्रैकिंग से यात्रा की रियल-टाइम निगरानी, हेल्पलाइन और मोबाइल ऐप्स के जरिए किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता भी मिलेगी।
चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि मन और आत्मा को शुद्ध करने का माध्यम है। हिमालय की गोद में बसे ये चार पवित्र धाम हर श्रद्धालु को एक नई ऊर्जा और आत्मिक शांति प्रदान करते हैं।