ऑपरेशन सिंदूर के बाद बलूचिस्तान में जश्न, पाकिस्तान की हुकूमत पर उठा भरोसे का सवाल

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भारतीय सेना द्वारा सीमा पार की गई साहसिक सैन्य कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद जहां पाकिस्तान सरकार और मीडिया में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं बलूचिस्तान में एक अलग ही माहौल देखने को मिला। स्थानीय सूत्रों और स्वतंत्र रिपोर्ट्स के अनुसार, बलूचिस्तान के कई हिस्सों में लोगों ने भारत के इस कदम का समर्थन करते हुए जश्न मनाया।
बलूच जनता की प्रतिक्रिया – “भारत ने साहस दिखाया”

बलूचिस्तान में लंबे समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ असंतोष की भावना मौजूद रही है। अब, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बलूच नेताओं और नागरिकों की प्रतिक्रिया एक नई राजनीतिक लहर को जन्म देती दिख रही है। कई बलूच कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर लिखा:

“भारत ने वही किया, जो पाकिस्तान बरसों से बलूचों के साथ करता आ रहा है – लेकिन अंतर ये है कि भारत आतंकियों को मारता है, पाकिस्तान अपने ही लोगों को।”

कई स्थानों पर बलूच समर्थक समूहों ने भारत की कार्रवाई के समर्थन में छोटे स्तर पर प्रदर्शन और सभाएं भी कीं।

पाकिस्तानी हुकूमत पर सवाल:

पाकिस्तान सरकार अब दोहरी मुश्किल में है – एक तरफ भारत की सैन्य कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय मंच पर दबाव, दूसरी ओर अपने ही प्रांत बलूचिस्तान में तेज़ होती आज़ादी की मांग। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर यही हालात बने रहे, तो पाकिस्तान की “आंतरिक सुरक्षा” पर गंभीर खतरा मंडराता रहेगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजरें बलूचिस्तान पर:

बलूच नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन और पाकिस्तान की जबरदस्ती को लेकर हस्तक्षेप किया जाए। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पर यह भी दबाव आ सकता है कि वह बलूच आंदोलन को नैतिक समर्थन दे।

जहां एक तरफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश दिया है, वहीं इस कार्रवाई ने पाकिस्तान के भीतर गहराते असंतोष को भी दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। बलूचिस्तान की जनता की प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि अब पड़ोसी मुल्क की एकता भी सवालों के घेरे में है।