रक्षाबंधन पर भाई को क्यों लगाया जाता है लाल रंग का तिलक, जानें वजह!

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रक्षाबंधन हो, या भाई दूज, या फिर विवाह में निभाई जाने वाली कोई रस्म हो, हमारे देश में तिलक का एक अहम महत्व है। सनातन धर्म में तिलकों का उतना ही महत्व है जितना किसी शादी में पंडित का। हिन्दू धर्म में अलग-अलग प्रकार के तिलकों का उल्लेख है, जैसे चंदन के तिलक का, सिंदूर यानी लाल रंग के तिलक, भस्म और रोली के तिलक का और मृतिका तिलक का। हमारे यहां हर अवसर और त्यौहार पर एक नये प्रकार का तिलक लगााया जाता है। अगर सप्ताह में सात दिन है, तो सप्ताह के हर नए दिन एक नए प्रकार के तिलक का उपयोग शुभ माना जाता है।

सोमवार की बात करें तो ये दिन शिवजी का दिन होता है और इस दिन सफेद चंदन का तिलक शुभ माना जाता है। वहीं मंगलवार को हनुमान जी का दिन होता है और इस दिन लाल तिलक जैसे सिंदूर या लाल चंदन का तिलक आपको हनुमान जी के और करीब महसूस कराता है।

वहीं बुधवार को मां दुर्गा का दिन माना जाता है, इस दिन सूखे सिंदूर का तिलक लगाया जाता है। बृहस्पति तो भगवान ब्रह्मा का दिन होता है, इस दिन पीला रंग शुभ माना जाता है।

ऐसे ही शुक्रवार और रविवार को लाल चंदन का तिलक लगाया जाता है और शनिवार को भस्म का तिलक अत्यंत शुभ माना जाता है।

रक्षाबंधन पर भाई को लगाएं लाल तिलक

इस बार रक्षाबंधन रविवार को है और ये दिन भगवान विष्णु जी का होता है और इस दिन लाल चंदन ही शुभ माना जाता है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार चंदन को माथे पर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है यानी आप नकारात्मकता से कोसों दूर हो जाते हैं।

इसके अलावा किसी भी त्यौहार जैसे रक्षाबंधन या विवाह से जुड़ी कोई रस्म या कोई अन्य शुभ कार्य से सम्बधित चीजों में लाल रंग का उपयोग ही किया जाता है। इसलिए रक्षाबंधन पर लाल रंग आपके भाई की किस्मत चमका सकता है, तो इस बार अपने भाई को लाल चंदन का तिलक जरुर लगाएं।

 

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