धनतेरस पर पूजा के बाद जरुर पढ़े मां लक्ष्मी की ये कथा, मिलेगी धन-समृद्धि

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धनतेरस के इस शुभ दिन को मनाने के पीछे भगवान धन्वंतरि की उपत्ति के अलावा मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक कथा भी प्रचलित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु मृत्युलोक के लिए प्रस्थान कर रहे थे तभी मां लक्ष्मी ने उनको साथ चलने का आग्रह किया। भगवान विष्णु ने उनके साथ ले जाने के लिए हां तो कह दिया पर एक शर्त भी रखी कि ”आपको वैसा ही करना होगा, जैसा में कहूंगा”। मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की बात मान ली और उनकी साथ चल दी।

कुछ देर बाद भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी से कहा कि जब तक मैं लौटकर ना आऊं, तुम यहीं रहना, खासकर दक्षिण दिशा की ओर मत जाना, पर मां लक्ष्मी ने सोचा कि वहां ऐसा क्या है जो भगवान विष्णु ने मुझे वहां जाने के लिए मना किया। मां लक्ष्मी की उत्सुकता बढ़ी और वो दक्षिण दिशा की ओर चल दी।

मां लक्ष्मी को दक्षिण दिशा में एक सरसों दिखी जिसे देखकर वे सरसों के फूलों से श्रृंगार करनी लगी। आगे चलकर उन्हें एक गन्ने का खेत दिखा जहां वे गन्ने तोड़कर रस चूसने लगीं। कुछ ही क्षणों में भगवान विष्णु वहां आ गए और क्रोधित होकर मां लक्ष्मी को शाप दिया कि वे अगले 12 वर्षों तक यहीं रहेंगी और इस गन्ने के खेत के किसान की सेवा करेंगी।

 12 वर्षों तक मां लक्ष्मी उस किसान के घर ही रहीं। इस दौरान उस किसान को किसी भी चीज की कोई कमी नहीं हुई, पर जब 12 वर्षों बाद भगवान विष्णु लक्ष्मी जी को लेने लौटे तो किसान ने उन्हें वहीं ठहरने के लिए कहा, तो इस पर विष्णु जी ने कहा कि लक्ष्मी तो चंचल होती है, एक जगह कहां ठहरती है। पर किसान जिद्द पर अड़ा रहा कि वह मां लक्ष्मी को नहीं जाने देगा, इस पर मां लक्ष्मी ने कहा कि कल तेरस है।

इस दिन घर की सफाई करकर एक कलश में कुछ पैसे रख देना और दक्षिण दिशा में एक दीया जला देना, इससे लक्ष्मी (धन) आपके घर से कभी नहीं जाएगा।