राज्य सरकार को प्राकृतिक गैस मंत्री ने बढ़ते हुए पेट्रोल के दाम को लेकर ठहराया जिम्मेदार

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एजेंसी:केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर राज्य सरकारों पर एक निशाना को साधा है। पुरी ने कू पर ये कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से फ्यूल टैक्स के रूप में 79,412 करोड़ रुपए को इकट्ठा किए हैं और इस साल में 33,000 करोड़ रुपए एकत्र करने का अनुमान को भी लगाया है। लोगों को राहत देने के लिए वह पेट्रोल और डीजल पर वैट क्यों नहीं घटाती है?

हरदीप सिंह पुरी ने ये कहा है कि, “विपक्ष शासित राज्य अगर आयातित शराब के बदले में ईंधन पर टैक्स में कटौती करें तो पेट्रोल भी सस्ता होगा! महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर ₹32.15/लीटर और कांग्रेस शासित राजस्थान ने इस पर ₹29.10/लीटर तक का कर को लगाया है, लेकिन बीजेपी शासित उत्तराखंड में केवल ₹14.51/लीटर और उत्तर प्रदेश में ₹16.50/लीटर ही सिर्फ टैक्स है। विरोध प्रदर्शन करने से फैक्ट नहीं बदल जाएंगे!”

‘विपक्ष का ये इरादा है कि केवल विरोध करना, राहत देना नहीं’ होता पुरी ने ये कहा है कि, “भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर ₹14.50 से लेकर ₹17.50/लीटर तक VAT को लागू है, जबकि अन्य दलों की ओर से शासित राज्यों द्वारा लगाए गए कर ₹26 से लेकर ₹32/लीटर की सीमा में ही हैं अंतर साफ साफ ही स्पष्ट है। उनका इरादा भी केवल विरोध और आलोचना को ही करना है, न कि लोगों को राहत नहीं देना है।”