बिहार के मुजफ्फरनगर में किसानों की महासभा, आगे की रणनीति होगी तय

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बिहार के मुजफ्फरनगर में किसानों की महासभा, आगे की रणनीति होगी तय

पिछले दस महीनों से लगातार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में किसान चक्का जाम या धरने पर बैठकर केंद्र सरकार के सामने तीन किसान विरोधी कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। तकरीबन एक साल के किसान आंदोलन के बाद भी अब तक सरकार ने किसानों की किसी मांग को नहीं माना, यहां तक की किसान नेताओं से मिलकर बातचीत कर भी कोई निर्णय निकालने की कोशिश भी नहीं की। इसी के चलते किसान मोर्चा ने कल 5 सितंबर को बिहार के मुजफ्फरनगर में किसान महासभा का आयोजन किया है। इस आयोजन में कई राज्यों के किसान मोर्चा सम्बंधित संभाओं को आंमंत्रित किया गया है। इस महासभा में करीब 13 राज्यों की किसान मोर्चा और महिलाएं, मजदूर कई अन्य मोर्चा भी शामिल हो रहे हैं।

इस किसान महासभा में हजारों किसानों के शामिल होनी की उम्मीद जताई जा रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आस-पास के चार मैदानों में किसानों के लिए बैठने और बाकी व्यवस्था की गई है। साथ ही अगर किसी ने किसानों को यहां आने से रोका तो किसान नहीं रुकेंगें, वे इस महासभा में हिस्सा जरुर लेंगें।

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आपको बता दें, दिल्ली के सिंधू बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि वे तब तक नहीं रुकेंगें, जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर लेती। संयुक्त किसान मोर्चा ने देश के अन्नदाताओं से भारत बंद के लिए भारी संख्या में समर्थन मांगा है।

देश के अन्नदाता लगातार केंद्र सरकार से तीन किसान विरोधी कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। साथ ही किसान चाहते हैं कि फसलों का नवीनतम मूल्य भी सही प्रकार से निर्धारित किया जाए।