घरेलू हिंसा करना कोई गर्व की बात नहीं, कानूनी अपराध है, इसे हमें समझना होगा
कुशीनगर- बड़े-बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि शराब अच्छे से अच्छे लोगों को सड़क पर ला देती है और इसकी लत बड़े-बड़े घरों को एक झोपड़ी में तब्दील कर देती है। शराब की लत का ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर इलाके से सामने आया है। मामला 27 अक्टूबर बुधवार का है, कुशीनगर के जिले में एक शराबी पति ने आपसी कहासुनी के कारण अपनी पत्नी की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। पुलिस को मामले की सूचना सुबह पड़ोसियों ने दी, जब उन्हें आरोपी के घर से उसके बच्चों की रोने की आवाज सुनाई दी। पुलिस सूचना मिलने के बाद जब आरोपी के घर पहुंची वो अपनी पत्नी की लाश के पास ही नशे में धुत पड़ा हुआ था। फिहलाल आरोपी जेल में है और उस पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
घटना 27 अक्टूबर को सुबह तीन बजे की है, जब शराबी पति नशे में धुत अपने घर पहुंचा, पत्नी ने घर में आते ही उसे रोका और उससे सवाल पूछने लगी, पर कातिल पति ने जवाब देने से बेहतर पत्नी का कुल्हाड़ी से गला काटना समझा। देश में घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, लोग पत्नियों को मारना-पीटना अपनी शान समझने लगे हैं और दूसरी ओर दहेज-प्रथा जो जैसे एक प्रचलन बन गई है। लड़के वाले दहेज मांगना अपना अधिकार समझते हैं, तो वहीं लड़की वाले भी दहेज देना एक परम्परा समझकर निभाते हैं। ये सोच गलत है, पर ना जाने आजकल क्यों लोग इस सोच के पीछे चलना अपनी शान समझने लगे हैं।
ये कोई पहला मामला नहीं था, जब पति के कारण एक पत्नी को अपनी जान गवानी पड़ी। इससे पहले भी एक मामला दिल्ली से सामने आया था, जब एक नाराज पति ने पत्नी के सिर पर हथौड़े से ताबड़तोड़ हमला किया था। जब पत्नी चिल्लाने लगी तो कुछ ही दूर खड़े कुछ पुलिसकर्मियों ने महिला की आवाज सुनी और उसे बचाने पहुंचे। घटना एक सप्ताह पहले की है और महिला अब भी गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती है।
हमें समझना होगा कि घेरलू हिंसा कानून अपराध है। ये केवल कानूनी अपराध ही नहीं बल्कि मानवता के खिलाफ है। एक तरफ हम घेरलू हिंसा को सामान्य बताते हैं, इसे घर-घर की कहानी बताकर इस विषय से पला छाड़ लेते हैं, वहीं दूसरी और हम खुद को एक मानव कहते हैं। किसी पर हाथ उठाना, किसी की हत्या करना ये मानव के नहीं बल्कि राक्षस के काम होते हैं। हमें खुद को बदलना होगा, और इसे एक जंग समझकर इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी।