155 देशों से आये पवित्र जल से हुआ “प्रभु श्रीराम लला” के भव्य मंदिर का जलाभिषेक; देखें ऐतिहासिक नजारा

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उत्तर प्रदेश के प्रभु श्री राम मंदिर के जलाभिषेक के लिए 155 देशों व नदियों का जल अयोध्या पहुंचा। आरएसएस के प्रचारक इंद्रेश अपने सहयोगियों के साथ लेकर पहुंचे अयोध्या जहां ढ़ोल नागढ़ो के साथ अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया। जल से प्रभु श्री राम लला के मंदिर परिसर और चौखट का जलाभिषेक किया गया।

प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है जिसकी कुछ खूबसूरत तस्वीरें ट्रस्ट द्वारा अक्षय तृतीया के दिन सामने आई। भगवान राम लला के गर्भ गृह समेत भूतल में 167 खंभे बनकर तैयार हैं। जिनपर बीम रखने का कार्य पूरा हो चुका है अब छत की ढलाई का काम चल रहा है। राम मंदिर जलाभिषेक के 155 देशों व नदियों का जल से अभिषेक किया गया।

रामलला का जलाभिषेक करते पुजारी और अन्य 

सैकड़ों राम भक्त कार्यक्रम में शामिल होनें के लिए अयोध्या पहुंचे। रामकथा भवन कार्यक्रम स्थल जहां नौ वैदिक ब्राह्मण द्वारा पवित्र नदियों के जल की पूजन अर्चन की जाएगी साथ ही संतो की संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें देश विदेश के प्रवासी हुए शामिल हैं। जिसके बाद राम मंदिर परिसर पहुंच कर मंदिर की चौखट व परिसर का जलाभिषेक किया गया।

अयोध्या के लिए ये एक ऐतिहासिक उत्सव मना जा रहा है। पहली बार राम मंदिर का जलाभिषेक 155 देश के जल से राम लला के मंदिर परिसर वा चौखट का जलाभिषेक किया गया। 

अयोध्या पहुंचे पूर्व भाजपा विधायक विजय जॉली ने कहा प्रभु श्री राम के इस भव्य मंदिर जलाभिषेक दुनिया के जल से करवाऊंगा 20 अगस्त 2020 को अपने इस प्रण को लेकर मैं अपने इस महाअभियान में जुट पढ़ा 31 महीने बीत जानें पर मुझे सफलता मिली। 41 देश के प्रवासी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यकर्म में हमनें अनेकों अतिथियों को उनकी सुविधा अनुसार आमंत्रित किया है।

धार्मिक नगरी अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया। उसी समय भाजपा के पूर्व विधायक व दिल्ली स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष डॉ विजय जॉली ने ये व्रत कर लिया था की वो विश्व भर की नदियों के जल को भारत में एकत्रित कर राम मंदिर का जलाभिषेक सम्पन्न हुआ। 20 अगस्त 2020 से विजय जौली जल को एकत्रित करने में जुट गए और 31 महीनों के प्रयास के बाद उन्हें सफलता मिली।

पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों के जल भी इसमें शामिल हैं। पाकिस्तान की रावी नदी के अलावा चीन की नदी का जल भी लाया गया। पाकिस्तान का जल दुबई के रास्ते मंगवाया गया है। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच भी दोनों देशों का पानी एकत्रित किया गया।

राम मंदिर के जलाभिषेक के लिए टिनीटॉड, टोबैगो, सुरनाम,मॉरीशस फिजी थाईलैंड यूक्रेन रसिया समेत पाकिस्तान से लाया गया है जिनपर सभी देशों के स्टीकर लगाए गए हैं। जल को तांबे के लोटे में सील किया गया है। जिसे भगवा रंग के रिबन से सजाया गया है।