भारत द्वारा सिंधु जल रोकने से पाकिस्तान में चिनाब नदी का जलस्तर 92% घटा, मचा हड़कंप!

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भारत द्वारा सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी को रोकने का असर अब साफ नजर आने लगा है। पाकिस्तान में चिनाब नदी का जलस्तर चिंताजनक रूप से घट गया है, जिससे वहां की सिंचाई और जल आपूर्ति प्रणाली पर गंभीर असर पड़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, 29 मई को चिनाब नदी का फ्लो 98,200 क्यूसेक दर्ज किया गया था। लेकिन भारत द्वारा जल प्रवाह रोके जाने के बाद यह घटकर मात्र 7,200 क्यूसेक रह गया है — यानी लगभग 92% की भारी कमी

भारत ने यह कदम 24 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाया था, जिसमें कई जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारत ने सिंधु जल समझौते की शर्तों पर पुनर्विचार करते हुए पाकिस्तान को जाने वाले जल प्रवाह पर रोक लगाने का फैसला किया।

क्या है सिंधु जल समझौता?

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ यह समझौता सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के जल वितरण को लेकर बना था। इसमें भारत को रावी, व्यास और सतलुज नदियों के जल का उपयोग और पाकिस्तान को शेष तीन नदियों का अधिकार दिया गया था।

भारत का यह कदम न केवल पाकिस्तान के लिए जल संकट का कारण बन रहा है, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी हलचल मचा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जल को कूटनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है, ताकि आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने वाले देश पर दबाव बनाया जा सके।

पाकिस्तान में अब चिनाब के सूखते किनारों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, वहीं भारत में इस कदम को सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई के नजरिए से देखा जा रहा है।