हथियार उत्पादन में आत्मनिर्भरता की तरफ भारत का बढ़ता कदम, 101विदेशी सैन्य उपकरणों के आयात पर लगाया प्रतिबंध

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हथियारों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की तरफ कदम बढ़ाते हुए भारत ने 101 ऐसे हथियारों की लिस्ट जारी की है, जिन्हें विदेश से आयात नहीं किया जाएगा। यह इस तरह की तीसरी लिस्ट है। इससे पहले 2020 और 2021 में भारत ने रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए हल्के टैंकों, नौसेना उपयोगिता हेलीकॉप्टरों से लेकर ड्रोन तक, 101 अन्य सैन्य उपकरणों और प्रणालियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीसरी लिस्ट जारी करते हुए कहा कि इससे देश में ही सैन्य प्रणालियों, हथियारों, तकनीक और गोला-बारूद के उत्पादन और विकास को बढ़ावा मिलेगा। विदेशी हथियारों और सिस्टम पर निर्भरता घटेगी, जिनकी सुरक्षा में सेंध लगने का खतरा रहता है।

सैन्य मामलों के विभाग, रक्षा मंत्रालय (एमओडी) द्वारा अधिसूचित सूची, उन उपकरणों/प्रणालियों पर विशेष जोर देती है, जिन्हें विकसित किया जा रहा है। इन हथियारों और प्लेटफार्मों को दिसंबर 2022 से दिसंबर 2027 तक स्वदेशी बनाने की योजना है। इन 101 वस्तुओं को अब से रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 के प्रावधानों के अनुसार स्थानीय स्रोतों से खरीदा जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा, आज का कदम पहली सूची (101) और दूसरी सूची (108) के जारी होने के बाद सामने आया है, जिसे क्रमश: 21 अगस्त, 2020 और 31 मई, 2021 को जारी किया गया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इन तीन सूचियों को जारी करने के पीछे की भावना घरेलू उद्योग की क्षमताओं में सरकार के इस बढ़ते विश्वास को दिखाती है कि वे सशस्त्र बलों की मांग को पूरा करने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के उपकरणों की आपूर्ति कर सकते हैं। इससे प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमताओं में नए निवेश को आकर्षित करके स्वदेशी अनुसंधान व विकास की क्षमता को प्रोत्साहित करने की संभावना है। इसके अलावा यह घरेलू उद्योग को सशस्त्र बलों के झुकाव और भविष्य की जरूरतों को समझने के लिए भी पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा। तीसरी सूची में अत्यधिक जटिल प्रणाली, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं।

इस अवसर रक्षा मंत्री ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने तीसरी सूची को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को प्राप्त करने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे व्यापक प्रयासों का प्रतीक बताया। राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि यह नई सूची घरेलू उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी और देश की अनुसंधान व विकास और विनिर्माण क्षमता को उच्च स्तर पर ले जाएगी।

यह तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी), सेवा मुख्यालय (एसएचक्यू) और निजी उद्योग जैसे सभी हितधारकों के साथ गहन परामर्श के बाद तैयार की गई है। राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया कि पिछली दो सूचियों की तरह ही तीसरी सूची में दी गई समय सीमा का भी पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय और सेवा मुख्यालय उद्योग को हाथ में लेने सहित एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के सरकार के प्रयास को दोहराते हुए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे, जो रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करता है और निर्यात को प्रोत्साहित करता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि बाधाओं के बावजूद, भारत ने अपने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के धैर्य और ²ढ़ संकल्प के कारण, परमाणु प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में हमेशा अपने दम पर असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि इसी संकल्प के साथ, भारत जल्द ही एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में परिवर्तित हो जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक प्रमुख शक्ति होने के अलावा घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करता है।

उन्होंने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और निर्यात को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया और इसे एक महत्वपूर्ण पहलू बताया, जो देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के अलावा अर्थव्यवस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करता है।सिंह ने रक्षा उपकरणों और प्लेटफॉर्म प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास का आह्वान करते हुए जोर देकर कहा कि विदेशी सॉफ्टवेयर कोड के साथ सिस्टम का आयात सुरक्षा तंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि यह भेद्यता की खिड़की खोलता है।