अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी) द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित सप्ताह के तहत 7 मार्च, 2022 को देश भर में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत 174 से अधिक ‘महिला केंद्रित’ प्रेरणा शिविर आयोजित किए गए। अवसर की आजादी नामक इस कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (एसआरएलएम), राज्य कौशल मिशनों (एसएसएम) और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) के माध्यम से किया गया, ताकि इसे बड़ी सफलता मिल सके।
आंध्र प्रदेश में चलाया गया प्रेरणा अभियान
सहायक सौंदर्य विशेषज्ञ, खुद सिलाई सीखकर आत्मनिर्भर बनने और सैंपल सिलाई आदि जैसे पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए देश भर में आयोजित ऐसे विभिन्न शिविरों के माध्यम से 4281 से अधिक महिला उम्मीदवारों को सफलतापूर्वक तैयार किया गया। ऐसे शिविर कार्यक्रम के अभिन्न अंग हैं, क्योंकि ये संभावित उम्मीदवारों तक पहुंचने और उन्हें योजना व इसके प्रावधानों के बारे में जानकारी देने के पर्याप्त अवसर प्रदान करते हैं।
झारखंड में लगाये जा रहे प्रेरणा शिविर
डीडीयू-जीकेवाई योजना की ओर से संचालित इस योजना के तहत प्रशिक्षित होने वाले कुल उम्मीदवारों में से एक तिहाई महिलाओं को अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा यह योजना 15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को लक्षित करती है, हालांकि महिला उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा 45 वर्ष है।
असम में प्रेरणा शिविर
25 सितंबर, 2014 को शुरू की गई दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) भारत सरकार (जीओआई) के ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रव्यापी प्लेसमेंट (नियोजन) से जुड़ा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है। डीडीयू-जीकेवाई आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण युवाओं के प्लेसमेंट से जुड़े कौशल का निर्माण करता है और उन्हें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार देना चाहता है। कार्यक्रम को इस तरह से बनाया गया है कि कम से कम 70 प्रतिशत प्रशिक्षित उम्मीदवारों को गारंटी के साथ प्लेसमेंट दी जाए।
डीडीयू-जीकेवाई कार्यक्रम ग्रामीण आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा हैं, जहां प्लेसमेंट पर जोर दिया जा रहा है। 871 से अधिक परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियां (पीआईए) 2381 से अधिक प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को 611 तरह की नौकरी की भूमिकाओं में प्रशिक्षण दे रही हैं। 31 जनवरी, 2022 तक कुल 11.44 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है और इनमें 7.15 लाख युवाओं को रोजगार दिया गया है।