विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी गुरुवार 27 फरवरी यानी कल है। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। विनायक चतुर्थी के इस व्रत का महत्व शास्त्रों में भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गणेश जी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाए तो व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसलिए विनायक चतुर्थी पर जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और इस व्रत का महत्व।
ऐसे चढ़ाएं ‘विघ्नहर्ता’ को भोग
सुबह उठकर स्नान करकर लाल कपड़े पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें, प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना करें। गणेश जी की कथा भी अवश्य पढ़े और पूजा-अर्चना करते समय गणेश जी के मंत्र का जाप अवश्य करें। कथा के बाद मोदक का भोग लगाएं और उनका हर चीज के लिए शुक्रिया करें। गणेश जी की प्रतिमा दक्षिण दिशा की ओर स्थापित करें। साथ ही जो इस दिन व्रत रखें, वो लाल रंग के कपड़े पहनें।
लाल रंग इस दिन शुभ माना जाता है।
साथ ही अगर आप मोदक के साथ बेसन के लड्डू का भोग लगाऐेंगे तो गणेश जी जल्द प्रसन्न होंगे।
पूजा का सही समय
गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त 27 फरवरी सुबह 4 बजकर 11 मिनट से ही शुरू हो जाएगा।
इसलिए स्नान करकर सुबह जल्द से जल्द पूजा कर लें।
साथ ही बता दें गणेश चतुर्थी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर मास में दो बार आती है।
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी कहा जाता है।
वहीं, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।