शहरी स्थानीय निकायों को मिला जनता का साथ, तो टॉयलेट्स 2.0 अभियान ने पकड़ी रफ्तार

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टॉयलेट्स 2.0 अभियान के तहत भारतीय शहरों में सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों को स्वच्छ और सुंदर बनाकर नया स्वरूप देने के लिए नागरिक पूरे देश में एकजुट हो रहे है ।

पूरे देश में समग्र रूप से स्वच्छ और सुरक्षित माहौल बनाए रखने के लक्ष्य के साथ स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 ने भारत के शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों को बेहतर बनाने की जरूरत समझते हुए एक और कदम आगे बढ़ाया है। मिशन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 19 नवंबर 2022 को विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर टॉयलेट्स 2.0 अभियान लॉन्च किया। इस अभियान में पांच थीमों पर आधारित क्षेत्रों की ओर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें पीपल फॉर टॉयलेट्स, पार्टनर्स फॉर टॉयलेट्स, डिजाइन टॉयलेट्स, रेट यॉर टॉयलेट्स और माई थॉट्स-आवर टॉयलेट्स शामिल हैं।

जिन शौचालयों को नया स्वरूप देने की जरूरत है उनकी पहचान करने के साथ शहरी स्थानीय निकायों ने स्वच्छता और रखरखाव की व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लोगों को पीपल फॉर टॉयलेट्स थीम के तहत संगठित किया है। इसी कड़ी में शौचालयों के बाहरी हिस्से की दीवारों पर सुंदर वॉल पेंटिंग के जरिए सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया जा रहा है। गुंटूर नगर निगम ने स्वच्छ वॉल आर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसके तहत वहां के नागरिकों ने कई सार्वजनिक शौचालयों की दीवारों पर वॉल पेंटिंग के जरिए सुंदर चित्र बनाए। जम्मू कश्मीर के सुदूर क्षेत्रों से लेकर आंध्र प्रदेश तक के नागरिक गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों की मदद से सार्वजनिक शौचालयों के बाहर सफाई अभियान चला रहे हैं। चंडीगढ़ नगर निगम ने निस्वार्थ भाव से बेहतर काम करने वाले अपने सफाई कर्मचारियों के प्रयासों को सराहा और अभियान के दौरान सार्वजनिक शौचालयों को साफ करने वालों को सम्मानित किया। विजयवाड़ा ने पूरे क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों की संचरना बदलने के प्रयासों पर एक कदम आगे बढ़कर काम शुरू किया और सार्वजनिक भागीदारी से शौचालयों को बेहतर और टिकाऊ बनाए रखने की दिशा में काम किया। मल्लेश्वरम में उपयोगकर्ताओं के अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए कई जगह नवनिर्मित शौचालयों का शुभारंभ किया जा रहा है।

इस अभियान को लेकर जनता जागरूक हो और थीम के तहत सार्वजनिक शौचालयों के उपयोग को बढ़ावा दे, यह सुनिश्चित करने के लिए शहरी स्थानीय निकाय कई तरह के जागरूकता अभियान और प्रचार गतिविधियों का आयोजन भी कर रहे हैं। जनता को अपनी इच्छा से सीटी/पीटी सहायकों के रूप में शहर में सामुदायिक सेवा प्रदान करने और लोगों तक अभियान का मुख्य संदेश पहुंचाने में सहयोग देने के लिए कहा जा रहा है। इस अभियान के तहत शौचालयों के सौंदर्यीकरण की गतिविधियों में भाग लेने के लिए अभी तक करीब 80,000 स्वयंसेवकों ने पंजीकरण कराया है।

सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों के बेहतर संचालन के उद्देश्य से संभावित पार्टनर्स को शौचालय को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिसके लिए पार्टनर्स फॉर टॉयलेट्स थीम के तहत संगठनों, संस्थानों या व्यक्तिगत रूप से शहरी सार्वजनिक शौचालयों के संचालन और रखरखाव के लिए पार्टनर्स से आवेदन मांगे जा रहे हैं।

सार्वजनिक शौचालयों के संचालन और रखरखाव के संबंध में संगठनों/संचालकों की ओर से वित्तीय सहायता व स्वामित्व मजबूत करने की प्रक्रिया को रफ्तार मिल रही है। पार्टनरिशप के लिए इन क्षेत्रों में एक बार की वित्तीय सहायता, एक समयावधि के लिए या आवर्ती रूप से मांग के अनुसार सफाई, वार्षिक रूप से संचालन और रखरखाव के लिए गोद लेने की प्रक्रियाएं शामिल हैं। इसके लिए इच्छुक पार्टनर्स वेबसाइट https://www.mygov.in/ पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

कई प्रतिभागियों ने टॉयलेट्स 2.0 के अंतर्गत डिजाइन टॉयलेट्स के लिए पंजीकरण कराया है। काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के सहयोग से इस विषय के छात्रों और अभ्यासरत आर्किटेक्ट्स से ऐसे डिजाइन मांगे जा रहे हैं, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटन स्थलों के अनुकूल सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय डिजाइन कर उपयुक्त समाधान दे सकते हैं। इसमें विशेष रूप से ठंडे और पहाड़ी ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए सुविधाजनक शौचालयों के डिजाइन शामिल हैं। ऐसे शहर जहां भूमि की कमी है या फिर भूकंप, आपदा व चक्रवात से प्रभावित रहने वाले चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में कैसे शौचालय हों, बरसात से प्रभावित रहने वाले या बाढ़ से ग्रस्त रहने वाले क्षेत्रों के अनुकूल शौचालय डिजाइन किए जाएंगे। इसमें जो आवेदन आएंगे, उनमें से सर्वश्रेष्ठ डिजाइन चुने जाएंगे और उन डिजाइनों को अपनाने के लिए शहरों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इच्छुक प्रतिभागियों के लिए सारी जानकारी वेबसाइट https://ecoa.in/samarthaya/ पर उपलब्ध है।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने MyGov के साथ ऑनलाइन पहल के रूप में माई थॉट्स-माई टॉयलेट्स के लिए भागीदारी की है। इसके जरिए सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों पर जनता की प्रतिक्रियाएं और राय मांगी जा रही है, जिसमें वह अपने अनुभवों के अनुसार अपने क्षेत्र के शौचालय बेहतर बनाने के लिए सुझाव दे रहे हैं। इस अभ्यास के जरिए राज्यों में शहरी सार्वजनिक शौचालयों में सुधार की संभावनाओं के साथ बेहतर उपाय मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद नागरिकों को शौचालयों के बेहतर और स्वच्छ संचालन की ओर आकर्षित किया जा सकता है। नागरिक सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों के अनुभव के बारे में उपयोगकर्ता के रूप में वेबसाइट https://www.mygov.in पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

एक अंतर-शहरी प्रतियोगिता के रूप में डिज़ाइन किए गए टॉयलेट्स 2.0 अभियान में सुविधाओं के रखरखाव और स्वामित्व के जरिए सभी लोगों को साथ जोड़कर शौचालयों के उपयोगकर्ताओं के अनुभव को सुधारने में मदद मिलने की उम्मीद है। सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों में सुधार, सफाई और सौंदर्यीकरण में जनता की भागीदारी के अनुसार अभियान की समापन के अवसर पर शहरों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा। इस आधार पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा मान्यता दी जाएगी।