उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंडल और जिलों के अफसरों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपना सीयूजी नंबर खुद उठाएं। निर्देश पर कितना अमल हुआ इसकी पड़ताल खुद सीएम ने करवाई। सीएम ऑफिस से अफसरों ने मंडल और जिलों के आला अफसरों को कार्यालय अवधि में फोन मिलाया। इस टेस्ट में कई जिलों के कमिश्नर सहित डीएम-एसपी फेल मिले हैं। लखनऊ के कमिश्नर ने भी सीयूजी नंबर नहीं उठाया। अब नियुक्ति और कार्मिक विभाग ने 25 से अधिक कमिश्नर-डीएम को नोटिस जारी कर जवाब मागा है। सूत्रों के अनुसार सीएम कार्यालय से कई मंडलों और जिलों के कमिश्नर, डीएम व एसपी को उनके सीयूजी नंबर पर फोन मिलवाया गया। इस दौरान एक तिहाई जिलों के अफसरों की साफ तौर पर लापरवाही सामने आई है। मंडल के आला अफसरों, जिनके ऊपर जिलों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी है, उनके भी फोन नहीं उठे।
मंडल कमिश्नर का हाल
लखनऊ के अलावा अलीगढ़, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी के कमिश्नर का भी फोन नहीं उठा। आगरा, मेरठ व आजमगढ़ के कमिश्नर का फोन ही नहीं मिला। कानपुर के कमिश्नर का फोन उनके पीआरओ ने उठाया। इसको गंभीरता से लेते हुए अफसरों को नोटिस जारी की गई है। सूत्रों के अनुसार फोन न उठाने वाले पुलिस कप्तानों को भी गृह विभाग की ओर से जवाब तलब किया जाएगा।
इन जिलों के डीएम के नहीं उठे फोन
अलीगढ़, आजमगढ़, मऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, औरैया, गोरखपुर, कुशीनगर, झांसी, जालौन, अमरोहा, उन्नाव, आगरा, इटावा व फिरोजाबाद (पीआरओ ने उठाया)। लखीमपुर, रायबरेली और सीतापुर के डीएम का कॉल बैक आया।
इन जिलों के पुलिस कप्तान भी फोन से दूर
आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, प्रयागराज, कानपुर, इटावा, कन्नौज, औरैया, कुशीनगर, जालौन,