टीवी के ‘राम’ अरुण गोविल ने थामा भाजपा का साथ

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टीवी सीरियल ‘रामायण’ में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल(Arun Govil) भाजपा में शामिल हो गए हैं। अरुण गोविल को टीवी धारावाहिक रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने की वजह से देश की जनता के बीच में अपना पहचान बनाए। आपको बता दें कि रामायण में माता सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया पहले से ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुकी  थी।

उन्होंने पार्टी महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में आज दिल्ली स्थिति भाजपा मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए। बता दें कि कुछ दिन पहले उन्होंने भगवान राम को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा था।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पराक्रम दिवस कार्यक्रम के दौरान जय श्री राम के नारे लगाने से इंकार करने पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी नेताओं के बाद अब, दुनियाभर में भगवान राम के किरदार के लिए जाने जाने वाले एक्टर अरुण गोविल ने भी इसपर आपत्ति जताई है और पूछा है कि ‘कुछ लोग श्री राम का नाम लेने पर चिढ़ते क्यों हैं?’

उन्होंने रविवार को बिना किसी का नाम लिए ट्वीट करते हुए लिखा- “कुछ लोग श्री राम का नाम लेने पर चिढ़ते क्यों हैं? श्री राम हर मानव के लिए एक आदर्श हैं, राम का जीवन हर मानव के लिए एक प्रेरणा है। श्री राम नाम से चिढ़ना या विरोध करना सारी मानव जाति का विरोध है। कौन है इस देश की धरती पर जिसने प्रभु श्री राम का नाम ना सुना हो।

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में उनकी एंट्री को खास माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि चुनावी राज्यों में भाजपा के लिए प्रचार भी कर सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में यह भी अटकलें लग रही हैं कि अरुण गोविल विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।

हालांकि भाजपा की तरफ से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पार्टी में अरुण गोविल की क्या भूमिका होगी। वहीं भाजपा में शामिल होने से पहले आज अरुण गोविल ने ट्वीट कर कहा कि ‘समस्त बड़ी ग़लतियों की तह में अहंकार ही मूल कारण होता है।’

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर कोलकाता में आयोजित पराक्रम दिवस कार्यक्रम में भाग लिया था जिसमें उनके साथ सीएम ममता बनर्जी भी मौजूद थीं। हालांकि, विक्टोरिया मेमोरियल में कार्यक्रम के दौरान जब ममता बनर्जी मंच पर पहुंची तो जय श्री राम के नारे लगने लगे, जिसके बाद ममता बनर्जी ने भाषण देने से इंकार करते हुए कहा कि किसी को कार्यक्रम में आमंत्रित करके बेइज्जत करना शोभा नहीं देता है।

उन्होंने कहा- “ये सरकार का प्रोग्राम है। कार्यक्रम की गरिमा होनी चाहिए। ये किसी राजनीतिक पार्टी का कार्यक्रम नहीं है। मैं पीएम मोदी और सांस्कृतिक मंत्रालय की आभारी हूं। किसी को आमंत्रित करके उसे बेइज्जत करना आपको शोभा नहीं देता है।’ इसके बाद वह मंच से वापस आकर अपने स्थान पर बैठ गईं।” जबकि उन्हें कुल पांच मिनट तक भाषण देना था।