त्योहारी सीजन के शुरू होने के पहले ही देशभर के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर आ रही है। सरकार ने खाने के तेल की बढ़ी कीमतों से हलकान हो रही जनता को इससे छुटकारा दिलाने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। तेल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों और तिलहनों पर 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए स्टॉक सीमा लगा दी है। केंद्र के इस फैसले से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी आएगी, जिससे देश भर के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की ऊंची कीमतों का घरेलू खाद्य तेल की कीमतों पर काफी प्रभाव पड़ा है। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी, सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है कि खाद्य तेलों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित रहें। इससे संबधित समस्याओं के लिए एक वेब-पोर्टल शुरू करने आदि जैसे उपाय सरकार द्वारा पहले ही किए जा चुके हैं।
खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों को और कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत केंद्र की मोदी सरकार ने आदेश यह जारी किया है जिसे सभी राज्यों के साथ साझा किया गया है। इस आदेश के तहत, सभी खाद्य तेलों और तिलहनों की स्टॉक सीमा संबंधित राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा राज्य / केंद्र शासित प्रदेश के उपलब्ध स्टॉक और खपत पैटर्न के आधार पर कुछ अपवादों के साथ तय की जाएगी।
केंद्र सरकार ने खाद्य तेल पर स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला त्योहारी सीजन में खाद्य तेल की कीमतों को काबू में करने के मसकद से लिया गया है। आने वाले दिनों में दशहरा, दिवाली जैसे हिंदुओं के बड़े त्योहार हैं। खाद्य तेल की कीमतों में पिछले एक साल में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है, सरकार के इस फैसले के बाद देश की जनता को बढ़ती तेल की कीमतों से काफी राहत मिलेगी।