पहलगाम हमले के फरार आतंकी आदिल और आसिफ पर शिकंजा कसता जा रहा, सुरक्षाबलों ने उड़ाए घर, संदिग्ध बॉक्स भी बरामद

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22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले के बाद से फरार चल रहे आतंकियों पर सुरक्षा एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस जघन्य हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर सैलानी शामिल थे। हमले के मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे आदिल ठोकर और आसिफ शेख की तलाश में सुरक्षाबलों का सघन अभियान जारी है।

आदिल का स्केच जारी, पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर लौटा था

अनंतनाग पुलिस ने गुरुवार को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी आदिल ठोकर का स्केच औपचारिक रूप से जारी किया। जानकारी के मुताबिक आदिल वर्ष 2018 में पाकिस्तान गया था, जहां उसने आतंकवाद की ट्रेनिंग ली और फिर घाटी लौटकर सक्रिय हो गया। पहलगाम आतंकी हमले में आदिल पर विदेशी आतंकियों की मदद करने और उन्हें बैसरन घाटी तक पहुंचाने का आरोप है। सुरक्षाबलों ने अनंतनाग के गुरी इलाके में स्थित आदिल का घर विस्फोटक से उड़ा दिया। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई उसके खिलाफ कड़ा संदेश देने के लिए की गई है।

आसिफ के घर में मिला संदिग्ध बॉक्स, मौके पर ही निष्क्रिय किया गया

आतंकी आसिफ शेख के घर की तलाशी के दौरान मोगहामा इलाके में सुरक्षाबलों को एक संदिग्ध बॉक्स मिला, जिससे तार निकले हुए थे। बम निरोधक दस्ते ने इसे मौके पर ही निष्क्रिय किया, हालांकि इस प्रक्रिया में मकान का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। राहत की बात यह रही कि इस विस्फोट में किसी की जान नहीं गई।

दोनों आतंकी वीडियो फुटेज में आए नजर

बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले से जुड़े एक वीडियो में आदिल और आसिफ दोनों नजर आए हैं। हमले के बाद से दोनों फरार हैं, लेकिन उनके मूवमेंट पर नजर रखने के लिए सुरक्षाबलों ने पूरे दक्षिण कश्मीर में अभियान तेज कर दिया है। कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।


घाटी के विभिन्न हिस्सों, खासकर अनंतनाग, पुलवामा और बांदीपोरा में सुरक्षाबलों का आतंकवाद विरोधी अभियान लगातार जारी है। बांदीपोरा में शुक्रवार तड़के से एक मुठभेड़ चल रही है, जो अभी भी जारी बताई जा रही है। सेना और पुलिस दोनों ही मिलकर आतंकियों को ट्रैक करने और उनका नेटवर्क तोड़ने में लगे हैं। हालांकि, आतंकियों के घरों को उड़ाने को लेकर अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मौके की तस्वीरें और वीडियो स्पष्ट संकेत देते हैं कि सुरक्षाबलों ने दो टॉप आतंकियों को सीधा संदेश देने की रणनीति अपनाई है।