कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मोगा रैली में मंच पर बोलने न दिए जाने से स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नाराज हैं। सिद्धू ने कहा, यदि मैं राहुल की रैली में बोलने के लिए ठीक नहीं हूं, तो मैं एक वक्ता और प्रचारक के रूप में भी ठीक नहीं हूं। आगे मुझे बोलने के लिए आमंत्रित किया जाता है या नहीं, लेकिन इस रैली ने मुझे मेरी जगह दिखा दी है।
सिद्धू ने कहा, “यह स्पष्ट है, पार्टी के लिए कौन लोग प्रचार करेंगे।” सिद्धू ने कहा, “साल 2004 में बादल की रैली में भी मुझे बोलने से रोका गया था। उसके बाद यह पहली बार है कि जब मुझे स्पीच नहीं देने दी गई।” सिद्धू ने कहा कि वह बालाकोट हवाई हमले पर पीएम मोदी पर हमला बोलने की तैयारी करके आए थे। सुनील जाखड़ ने भी कहा कि सिद्धू को स्पीच देनी चाहिए थी। रैली का आयोजन मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किया था।
उन्होंने कहा कि सीएम ने उन्हें चार वक्ताओं के नाम देने को कहा था। मुझसे कहा गया कि राहुल को कांगड़ा रैली में पहुंचने में देरी हो रही है तो सिर्फ जाखड़, आशा कुमारी और राहुल ही भाषण देंगे। राहुल ने गुरुवार को मोगा में कर्जमाफी के चौथे चरण की स्कीम लॉन्च की थी। इस मौके पर राहुल ने सूबे की सभी 13 सीटें पार्टी की झोली में डालने का कहा।
उन्होंने वादा किया कि सत्ता में आए तो देशभर में मनरेगा की तरह गांरटेड मिनिमम इनकम स्कीम लागू करेंगे।
कर्जमाफी पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास बड़े उद्योगपतियों के अरबों का कर्ज माफ करने के लिए पैसे हैं, लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसे नहीं हैं