कर्नाटक के स्कूलों एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने की मांग करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने इस मामले की तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। यही नहीं कोर्ट ने हिजाब समर्थक छात्राओं के वकील से कहा कि इस मामले में सनसनी फैलाने से बचें। दरअसल देवदत्त कामत ने कहा कि था कि एग्जाम शुरू होने वाले हैं, ऐसे में किसी की पढ़ाई को नुकसान से बचाने के लिए तत्काल सुनवाई की जरूरत है। इस पर अदालत ने कहा कि आप इस मामले को सनसनीखेज बनाने से बचें। अदालत ने साफ तौर पर कहा कि हिजाब विवाद का परीक्षाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
दलील पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, परीक्षाओं का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। इसका जिक्र कर सनसनी न फैलाएं। इससे पहले भी अदालत ने हिजाब विवाद पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि होली की छुट्टियों के बाद इस पर विचार किया जाएगा। गुरुवार को चीफ जस्टिस के समक्ष इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए रखा गया था। इस दौरान एडवोकेट कामत ने कहा कि 28 मार्च से छात्रों की परीक्षाएं होने वाली हैं। ऐसे में यदि उन्हें हिजाब के साथ एंट्री नहीं दी गई तो फिर उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा।