शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने बुधवार को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर एक बयान दिया था। जिसमें राउत ने इंदिरा गांधी का कनेक्शन मुंबई के पहले माफिया डॉन करीम लाला से होने के बारे में बताया था। इस बयान की जिक्र अब हर कोई कर रहा है। सभी लोग अब करीम लाला के बारे में जानना चाहते हैं।
करीम लाला का असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था। उसका जन्म 1911 में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में हुआ था। उसे पश्तून समुदाय का आखिरी राजा भी कहा जाता है। वह कारोबारी खानदार से ताल्लुक रखता था। उसे जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करना था । जिसकी चाह उसे हिंदूस्तान ले आई।
अंडरवर्ल्ड के जानकार बताते हैं कि सबसे पहला माफिया डॉन करीम लाला था। करीम लाला का आतंक मुंबई में सिर चढ़कर बोलता था। मुंबई में तस्करी समते कई गैर कानूनी धंधों में उसके नाम की तूती बोलती थी। लोगों के अनुसार वह जरूरतमंदों और गरीबों की मदद भी करता था।
करीम लाला ने मुंबई में दिखाने के लिए तो कारोबार शुरू कर दिया था। लेकिन हकीकत में वह मुंबई डॉक से हीरे और जवाहरात की तस्करी करने लगा था। 1940 तक उसने इस काम में एक तरफा पकड़ बना ली थी। तस्करी के धंधे में उसे काफी मुनाफा हो रहा था। पैसे की कमी नहीं थी। इसके बाद उसने मुंबई में कई जगहों पर दारू और जुए के अड्डे भी खोल दिए। और ऐसे में करीम लाला का नाम मुंबई शहर के सिर चढ़कर बोलने लगा।
लोगों की मानें तो करीम लाला के घर हर शाम जनता दरबार भी लगता था। जहां वो लोगों की परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ रिश्तों के मायने भी समझाता था। कई शादीशुदा जोड़े को तलाक लेने से भी रोकता था। करीम लाला फिल्मी जगत से भी काफी जुड़ा हुआ था। उसने कई लोगों की मदद भी की है।
करीम लाला के बाद मुंबई में दाऊद इब्राहम की भी एंट्री हुई, लेकिन दोनों में कभी नहीं बनी। कुछ लोग बताते हैं कि करीम लाला ने एक बार दाऊद की पिटाई भी कर रखी है। दरअसल दाऊद के आने के बाद करीम का धंधा चौपट होने लगा। जिसके बाद करीम लाला का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। 90 साल की उम्र में 19 फरवरी, 2002 को मुंबई में ही करीम लाला की मौत हो गई थी।