प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में COVID-19 महामारी के हालात पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे और आपूर्ति व्यवस्था की चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति और कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के प्रसार और इसके जन स्वास्थ्य प्रभाव की समीक्षा करने के लिए बैठक की गयी।
स्वास्थ्य सचिव ने वर्तमान में दुनियाभर में कोरोना के मामलों में आई तेजी पर प्रकाश डालते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इसके बाद भारत में कोविड-19 की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें मामलों में वृद्धि और उच्च संक्रमण दर के आधार पर चिंता पैदा करने वाले विभिन्न राज्यों और जिलों को रेखांकित किया गया। इसके अलावा, आगामी चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को सहायता के संदर्भ में अब तक किए गए विभिन्न प्रयासों की जानकारी दी गई। इस दौरान मामलों के पीक के विभिन्न अनुमानों के बारे में भी बताया गया।
पीएम ने जिला स्तर पर पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने की जरूरत पर दिया जोर
आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी-II) के तहत स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे, परीक्षण क्षमता को मजबूत करने के साथ ही ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की उपलब्धता एवं कोविड के लिए आवश्यक दवाओं के बफर स्टाक बनाए रखने के लिए राज्यों को किए जा रहे सहयोग के बारे में प्रस्तुति दी गई। पीएम ने जिला स्तर पर पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से इस संबंध में राज्यों के साथ समन्वय बनाए रखने को कहा। प्रस्तुति के दौरान भारत के टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें 15-18 वर्ष की आयु के 31% किशोरों को अब तक 7 दिनों के भीतर पहली खुराक दी जा चुकी है। पीएम मोदी ने इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए मिशन मोड में किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान को और तेज करने को कहा।
विस्तृत चर्चा के बाद, पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि ज्यादा मामले आने वाले क्षेत्रों में गहन निषेध और सक्रिय रूप से निगरानी जारी रखनी चाहिए और उन राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए, जहां इस समय ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए न्यू नॉर्मल के रूप में मास्क का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल और शारीरिक दूरी के उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पीएम ने हल्के/बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए घर पर पृथकवास के प्रभावी कार्यान्वयन और समुदाय को तथ्यपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने की जरूरत पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि राज्यों के हालात, तैयारियों और जन स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने कोविड मरीजों के इलाज का प्रबंधन करते हुए गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाओं को भी जारी रखने की जरूरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टेलीमेडिसिन का लाभ उठाने की आवश्यकता है कोविड-19 के प्रबंधन में स्वास्थ्य कर्मियों की अब तक लगातार सेवाओं के लिए आभार व्यक्त करते हुए, उन्होंने यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए एहतियाती खुराक वाले टीकाकरण कवरेज को भी मिशन मोड में लिया जाना चाहिए।
वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है, इसका जिक्र करते हुए पीएम ने जीनोम अनुक्रमण सहित परीक्षण, टीकों और दवाओं को लेकर वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्व के बारे में बात की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, भारती प्रवीण पवार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. वी के पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग, राजीव गौबा, कैबिनेट सचिव, ए. के. भल्ला, गृह सचिव,राजेश भूषण, सचिव (एमओएचएफडब्लू), सचिव (फार्मास्युटिकल); डॉ. राजेश गोखले, सचिव (जैव प्रौद्योगिकी), डॉ. बलराम भार्गव, डीजी आईसीएमआर; आर. एस. शर्मा सीईओ एनएचए; सचिव फार्मास्युटिकल्स, नागरिक उड्डयन, विदेश मंत्रालय, सदस्य एनडीएमए के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।