राजस्थान में 12 जिलों के पंचायत राज चुनाव पर छाये संशय के बादल,

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राजस्थान में बेकाबू होते कोरोना वायरस के चलते प्रदेश के 12 जिलों में होने वाले जिला परिषद एंव पंचायत चुनावों फिर से संशय के बादल छा गये हैं. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की पूरी तैयारियां कर रखी है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के एक बयान से आयोग की चुनाव कराने की प्लानिंग पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है. अब गेंद आयोग के पाले में है.

दरअसल, गहलोत सरकार की मंशा है कि राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव टाल दें. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव टालने का अनुरोध किया है. प्रदेश के 12 जिलों में अप्रैल महीने में चुनाव प्रस्तावित थे. लेकिन इस बीच गहलोत सरकार ने 17 नगरपालिकाओं की अधिसूचना जारी कर दी. सरकार के इस निर्णय से मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम गड़बड़ा गया. इस पर आयोग ने चुनाव कार्यक्रम 3 महीने के लिए टाल दिये. राज्य निर्वाचन आयोग ने जून-जुलाई में चुनाव कराने की योजना बना रखी है. अब आयोग को निर्णय लेना है कि वह जून-जुलाई में चुनाव करवाएगा अथवा नहीं.

राज्य निर्वाचन आयोग ने गत वर्ष पहले 21 जिलों में चुनाव संपन्न करवा लिए थे. राज्य सरकार द्वारा नई नगर पालिकाओं के गठन की मंजूरी के चलते आयोग ने शेष बचे जिलों में चुनाव कार्यक्रम स्थगित कर दिया था. फिलहाल इन 12 जिलों में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. क्योंकि चुने हुए जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया. जिला प्रमुख से लेकर प्रधान का कार्यकाल समाप्त हो गया है. करीब 1 वर्ष से प्रशासक की कामकाज संभाल रहे हैं.

इन जिलों में होने हैं चुनाव

अलवर, दौसा, बारां, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सिरोही और श्रीगंगानगर में पंचायत राज के चुनाव होने हैं.