प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु स्थित केम्पेगौडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान हवाई अड्डे के अधिकारियों से भी बातचीत की, जहां उन्हें टर्मिनल-2 बिल्डिंग के मॉडल के संबंध जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने वहां स्थित अनुभव केंद्र की सुविधा का भी निरीक्षण किया और हवाई अड्डे के टर्निमल-2 के भीतरी रास्ते का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां टर्मिनल-2 के बारे में एक लघु फिल्म भी देखी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा.
बेंगलुरु के केम्पेगौडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का टर्मिनल-2 हवाई अड्डे की क्षमता में वृद्धि करेगा और सुविधा में इजाफा करेगा। यह हमारे शहरी ढांचे को सर्वोत्कृष्ट संरचना मुहैया कराने के हमारे प्रयासों का हिस्सा है। टर्मिनल बेहद खूबसूरत और यात्रियों के लिए सुविधाजनक है। इसका उद्घाटन कर खुशी हुई। बेंगलुरू के केम्पेगौडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 का निर्माण करीब 5000 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह टर्मिनल हवाई अड्डे की यात्री वहन क्षमता को दोगुना कर प्रतिवर्ष 5 से 6 करोड़ यात्री कर देगा। अभी यहां ढाई करोड़ यात्रियों के आवागमन की सुविधा है।
टर्निमल-2 का डिजाइन उद्यान शहर बेंगलुरू के प्रति श्रद्धांजलि है और यहां आने के बाद यात्रियों को ऐसा अनुभव होगा जैसे कि वे एक उद्यान में टहल रहे हैं। यहां आकर यात्री 10,000 हजार वर्ग मीटर से अधिक लम्बी हरित दीवारों, हैंगिग गार्डन और आउट डोर गार्डन में से गुजरेंगे। इस हवाई अड्डे ने पहले ही पूरे परिसर में 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए संवहनीयता का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
टर्मिनल 2 की इमारत का डिजाइन भी संवहनीयता के सिद्धांत के आधार पर तैयार किया गया है। संवहनीयता की पहलों पर आधारित टर्मिनल 2 विश्व का ऐसा सबसे बड़ा टर्मिनल होगा जिसे अमेरिका की जीबीसी (ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) ने परिचालन शुरू होने से पहले ही प्लेटिनम रेटिंग दे दी है। टर्मिनल-2 में लगाई जाने वाली सभी कलाकृतियां ‘नौरस’ के कथ्य पर आधारित हैं। इन कलाकृतियों में कर्नाटक की संस्कृति और विरासत के साथ-साथ व्यापक भारतीय लोकाचार का भी दर्शन होता है।
कुल मिलाकर टर्मिनल-2 की इमारत का डिजाइन और वास्तुशिल्प चार निर्देशित सिद्धांतों पर आधारित है- उद्यान में टर्मिनल, संवहनीयता, प्रौद्योगिकी तथा कला एवं संस्कृति। इन सभी विशिष्टताओं के साथ टर्मिनल-2 एक अत्याधुनिक किंतु प्रकृति संचालित टर्मिनल है और यह सभी यात्रियों को स्मरणीय अनुभव प्रदान करता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी भी उपस्थित थे।