हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश की जनता को जहर युक्त उत्पादों से निजात दिलाने व भूमि की सेहत को बचाने के लिए प्रदेश सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने पर बल दे रही है। इसको बढ़ावा देने और किसानों को इस खेती के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उदेश्य से प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार द्वारा 32 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया है।
मुख्यमंत्री आज सायं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती को लेकर आयोजित एक दिवसीय कृषिशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले, उन्होंने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ कृषि कार्यशाला में विभिन्न विभागों और प्रगतिशील किसानों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और किसानों से प्राकृतिक खेती को लेकर अपने मन की बात को भी साझा किया।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री जेपी दलाल, हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा, महानिदेशक डा. हरदीप सिंह, बागवानी विभाग के महानिदेशक डा. अर्जुन सिंह सैनी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का विशेष रुप से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रदेश भर से आए किसानों को प्राकृतिक खेती को उदाहरण सहित समझाकर प्रेरित करने का काम किया है। राज्य सरकार भविष्य में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को प्रदेश में प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरुक करने के लिए हर प्रकार के संसाधन और सुविधाएं देेने के लिए हमेशा तैयार रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए 3 साल उत्पादन आधारित योजना को भी अमलीजामा पहनाने का काम किया है। इस योजना के तहत 100 कलस्टर बनाए जाएंगे और प्रत्येक कलस्टर में 25 एकड़ भूमि को भी प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ा जाएगा। इसके बाद सर्टीफिकेशन, ब्रांडिंग और फिर पैकेजिंग का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही अगर प्राकृतिक खेती कारण किसानों को नुकसान हुआ तो सरकार द्वारा मुआवजेे की राशि देने का काम भी किया जाएगा।