राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम मंदिर परिसर के विकास के लिए 43.08 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का किया लोकार्पण
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 27 दिसंबर मंगलवार को आंध्र प्रदेश के कुरनूल में श्रीशैलम मंदिर परिसर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं को पर्यटन मंत्रालय के विरासत संवर्धन अभियान के अंतर्गत ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत वृद्धि ड्राइव पर राष्ट्रीय मिशन (पीआरएएसएचएडी) के अंतर्गत स्वीकृत और तैयार किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान तेलंगाना की राज्यपाल श्रीमती तमिलिसाई सुंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपाद यस्सो नाइक, उपमुख्यमंत्री और बंदोबस्ती मंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार श्री कोट्टू सत्यनारायण, पर्यटन, संस्कृति और युवा उन्नति मंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार, श्रीमती आर के रोजा, वित्त, योजना और विधायी मामलों के मंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार, श्री बुगना राजेंद्रनाथ, सचिव (पर्यटन) भारत सरकार श्री अरविंद सिंह और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
43.08 करोड़ की लागत में तैयार की गई ये परियोजना
‘आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर की विकास’ परियोजना 43.08 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की गई है। ये परियोजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है। परियोजना में शामिल किए गए घटकों में एम्फीथिएटर, रोशनी की व्यवस्था, प्रकाश और ध्वनि शो, डिजिटल समावेशन, पर्यटक सुविधा केंद्र, पार्किंग क्षेत्र, चेंजिंग रूम, शौचालय परिसर, स्मारिका दुकानें, फूड कोर्ट, एटीएम और बैंकिंग सुविधा जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य आगंतुकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करके श्रीशैलम मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थल बनाना है।
श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है और भारत में एकमात्र मंदिर है जो शैववाद और शक्तिवाद दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।