मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की इस योजना के तहत लाभार्थी 60 साल की आयु में 3 हजार रुपये की मंथली पेंशन पाने के लिए पात्र होंगे..
नई दिल्ली.केंद्र सरकार अब असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता देने की योजना बना रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार इसको लेकर ‘डोनेट पेंशन’ अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. इसमें लोगों को स्वैच्छिक रूप से इस पेंशन के लिए सहयोग देने के लिए प्रेरित किया जाएगा. यह अभियान उस ‘गिव इट अप’ अभियान का हिस्सा होगा, जिसके तहत लोगों को रसोई गैस की सब्सिडी जरूरतमंदों के लिए छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया था.
बता दें कि ‘गिव इट अप’अभियान के तहत ही लोगों से जरूरतमंद लोगों के लिए रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘डोनेट पेंशन’ अभियान में एक व्यक्ति को केवल 36,000 रुपये प्रति मजदूर खर्च आने की संभावना है. यह प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) योजना के तहत एकमुश्त भुगतान है, जो श्रमिक द्वारा अपने पूरे जीवन के दौरान किए जाने वाले मासिक योगदान की भरपाई करेगा. इस योजना के तहत लाभार्थी 60 वर्ष की आयु से 3,000 रुपये मासिक पेंशन के लिए पात्र होगा. रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष सरकारी अफसरों ने बताया है कि श्रम मंत्रालय इस संबंध में उच्च स्तर पर विचार के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में केवल 35 श्रमिकों ने योजना के तहत नामांकन किया, जबकि 85 ने सितंबर में पंजीकरण कराया था. साल में अब तक औसत मासिक पंजीकरण 2,366 रहा है. अधिकारी ने इस संबंध में कहा, ‘अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह योजना को पुनर्जीवित करेगी और लाखों श्रमिकों को इसके दायरे में लाएगी.