चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि फैक्ट्रियां और बाजार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। फैक्ट्रियों में उत्पादन की रफ्तार भी बाजारों को खुलने के बाद ही तेज होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में निर्माण कार्यों को अनुमति दी गई है, लेकिन लोहा, गाटर, सरिया, हार्डवेयर व सीमेंट सहित अन्य उत्पादों की बिक्री वाले दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में निर्माण कार्य से जुड़े लोग चिंतित हैं कि निर्माण कार्य कैसे होगा।ब्रजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना और लॉकडाउन से संबंधित जो भी गाइडलाइन बनती हैं, उनको दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तय करता है, जिसके अध्यक्ष उपराज्यपाल हैं। दिल्ली के तमाम व्यापारी चाहते हैं कि डीडीएमए की बैठक जल्द से जल्द हों।ब्रजेश गोयल ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि डीडीएमए की अगली बैठक में दिल्ली में बाजारों को खोलने की अनुमति प्रदान की जाएगी। इसके लिए इसके लिए सीटीआइ की ओर से डीडीएमए को कुछ सुझाव भी भेजे जाएंगे। उपराज्यपाल से अपील है कि वह सभी बिंदुओं पर ध्यान दें और इन तमाम दुकानों को खोलने की अनुमति भी दी जाए। गौरतलब है कि पिछले एक महीने से भी अधिक समय से दिल्ली में लॉकजाउन जारी है। इस दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़कर सारी गतिविधि ठप है। इसमें थोड़ी राहत देते हुए 31 मई से निर्माण संबंधी कामों और फैक्ट्रियों को इजाजत मिली है, लेकिन कारोबार से जुड़े लोग उसे नाकाफी बता रहे हैं। दिल्ली में लाखों दुकानें और हजारों बाजार हैं, जो एक महीने से बंद है। कारोबारी कहते हैं कि एक तो दुकानें बंद हैं ऊपर से हम अपने कर्मचारियों को खाने का भी प्रबंध कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें दोहरा नुकसान हो रहा है।