बड़े-बुजुर्गों ने सही कहा है राजनीति में कोई किसी का नहीं होता है। अब ये कहवात आजकल बिहार के दिग्गज के घर सही साबित हो रहा है। दरअसल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की बेटी आशा पासवान ने पिता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पिता के खिलाफ एक ऐलान कर दिया है। आशा पासवान ने कहा है कि अगर राजद उन्हें टिकट देता है तो वो अपने पिता के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे। बता दें कि रामविलास पासवान बिहार के हाजीपुर से चुनाव लड़ते आये हैं। अब ऐसे में देखना है राजद क्या आशा पासवान को टिकट देती है। वहीं रामविलास पासवानी की बेटी लालू प्रसाद यादव को चाचा कहा है और तेजस्वी व तेज प्रताप यादव को अपना छोटा भाई बताया है।
आशा ने आरोप लगाया कि उनके पिता ने हमेशा उनके भाई चिराग पासवान को ही आगे बढ़ाने के बारे में सोचा है, बेटी के बारे में कभी नहीं सोचा। आशा ने कहा कि उनकी अनदेखी की गई, क्योंकि उनके पिता बेटियों के साथ भेदभाव करते हैं।
विदित हो कि राम विलास पासवान की दो शादियां हैं। आशा पासवान की मां राम विलास पासवान की पहली पत्नी हैं। वे बिहार में पासवान के पैतृक गांव में रहती हैं। आशा के भाई चिराग पासवान राम विलास पासवान की दूसरी पत्नी के इकलौते बेटे हैं।
आशा पासवान ने अपने पिता और भाई पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दोनों पर परिवार के सदस्यों की अनदेखी और मनमानी करने का आरोप लगाया है। कहा है कि उनके पिता रामविलास पासवान अब दलितों के नहीं, सवर्णों के नेता हो गए हैं।
इसके पहले रामविलास पासवान के दामाद व आशा पासवान के पति अनिल साधु ने कहा था कि अगर राजद उनकी पत्नी को टिकट देती है, तो वे निश्चित रूप से राम विलास के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने सिर्फ मेरा नहीं, सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों का अपमान किया है… दलित उनके बंधुआ मज़दूर नहीं हैं।”