लिंग भेद में भारत का स्थान पड़ोसी देशो से पीछे

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 वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम द्वारा 11 नवंबर को जेंडर गैप से संबधित दुनियाभर के 149 देशों की एक रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत जेंडर गैप को कम करने में नाकाम रहा है। भारत से बेहतर स्थिति में बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे देश हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक जेंडर गैप में भारत की रैंक 108 है। नेपाल की 105 और श्रीलंका की 100वीं रैंक है। वहीं भारत से भी अधिक जेंडर गैप मालदीव, भूटान और पाकिस्तान में है। यानी दक्षिण एशिया में सबसे बेहतर स्थिति बांग्लादेश की है।

पिछले बीते साल जेंडर गैप के मामले में भारत की रैंक 108 थी और इस बार भी भारत की यही रैंक है। यानी कि भारत में इस ओर कोई प्रगति नहीं हुई है। जो हालात बीते साल थे, वही इस साल भी हैं। दुनियाभर के 149 देशों में जेंडर गैप कि सबसे बेहतर स्थिति आइसलैंड की है। इस देश की इंडेक्स में पहली रैंक है।

इंडेक्स के चार पैमाने

इकोनोमिक फोरम ने इंडेक्स के लिए चार पैमाने निर्धारित किए हैं। ये पैमाने आर्थिक भागीदारी एवं अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक अधिकार से संबधित हैं। हालांकि राजनीतिक अधिकार के मामले में भारत 19वें स्थान पर है। वेतन के मामले में महिला-पुरुष में अंतर कम करने में भारत को थोड़ी सफलता मिली है। वेतन की समानता में भारत 72वें स्थान पर आ गया है। वहीं आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में भारत का नंबर 142वां है। सेहत के मामले में भारत की स्थिति बेहद चिंताजनक है। स्त्री और पुरुष के अंतर में भारत की रैंक 147वीं है।

एआई सबसे ज्यादा भारत में 

फोरम के रिपोर्ट में भारत के लिए एक अच्छी खबर यह है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के सबसे अधिक प्रोफेशनल भारत में हैं। पर इस मामले में भी महलाओं की संख्या काफी कम है। महिलाओं का इस मामले में आंकड़ा केवल 22 फीसदी का ही है। इसी कारण नेतृत्व करने के लिए महिलाओं के आगे आने की संभावना कम रहती है।  

ऑटोमेशन का अधिकतर असर महिलाओं पर  

ऑटोमेशन का असर महिलाओं पर सबसे अधिक असर पड़ रहा है। जिससे उनकी नौकरियां कम हो रही हैं। ऑटोमेशन का मतलब है किसी कार्य को पूरा करने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली मशीनें। जिनका इस्तेमाल अब बढ़ता जा रहा है। महिलाएं वो काम करती हैं जिनमें अधिक भार वाला सामान नहीं उठाया जाता। ये अधिकतर छोटे उद्योग होते हैं। जैसे अचार बनाना, बीड़ी बनाना, पापड़ बनाना, जवे बनाना आदि। अब इन छोटे उद्योगों में मशीनें आती जा रही हैं। जिसके कारण महिलाओं की नौकरियां उनसे छिन रही हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के मामले  में ये देश शीर्ष पर

 

स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भारत में जेंडर गैप काफी अधिक है। जिसमें भारत की रैंक 149 में से 147 है। इस मामले में सबसे बेहतर स्थिति रूस की है। वहीं ओवरऑल रैंकिंग भी रूस की 75वीं है। ओवरऑल रैंकिंग मामले में अमेरिका की स्थिति रूस से भी बेहतर है। अमेरिका की रैंकिंग 51 है, चीन की 103 और जापान की 110। अमेरिका और रूस से भी बेहतर स्थिति में फ्रांस (12), जर्मनी (14) और इंग्लैंड (15) हैं।

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