
भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में फिर से गर्माहट लौटती दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार शाम भारत पहुंचे। आज यानी सोमवार को वे भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे, जिसमें दोनों नेता आर्थिक सहयोग और समुद्री सुरक्षा साझेदारी जैसे अहम मुद्दों की समीक्षा करेंगे।
भारत और मालदीव के बीच पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा अपनाए गए विजन डॉक्युमेंट के क्रियान्वयन पर इस दौरान विशेष ध्यान रहेगा। विदेश मंत्री खलील उच्च स्तरीय कोर ग्रुप (HLCG) की बैठक में मालदीव का नेतृत्व करेंगे, जो इसी विजन के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए गठित किया गया है।
तीसरी बार भारत दौरे पर खलील
यह इस साल विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील का भारत का तीसरा दौरा है, जो इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद में तेजी आ रही है। खलील के साथ मालदीव से एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है।
भारत की आर्थिक मदद को लेकर जताया आभार
खलील की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले वर्ष अपने भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को भारत द्वारा दी गई 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा और 30 अरब रुपये (360 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की सहायता के लिए धन्यवाद दिया था।
भारत और मालदीव के बीच पिछले कुछ समय से राजनीतिक समीकरणों में उतार-चढ़ाव देखने को मिले थे। लेकिन अब दोनों देशों के उच्चस्तरीय नेताओं की यह नियमित बैठकें यह दर्शाती हैं कि आपसी भरोसा और सहयोग को फिर से मजबूत किया जा रहा है विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा, आर्थिक भागीदारी, और क्षेत्रीय स्थिरता के संदर्भ में।