
टोल टैक्स भुगतान को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 15 नवंबर से अगर किसी वाहन में वैध FASTag नहीं है या वह काम नहीं कर रहा है, तो वाहन मालिक को अब टोल का 1.25 गुना भुगतान UPI से करना होगा। यह मौजूदा नियम से आसान है, क्योंकि अभी बिना FASTag वालों को टोल का दोगुना नकद भुगतान करना पड़ता है।
नई व्यवस्था के तहत अगर किसी वाहन का FASTag सही है लेकिन टोल प्लाजा की मशीन में खराबी है, तो ऐसे वाहनों को बिना कोई शुल्क दिए टोल पार करने की अनुमति मिलेगी। यह कदम टोल कलेक्शन एजेंसियों को जवाबदेह बनाने और ड्राइवरों को राहत देने के लिए उठाया गया है।
पहले क्या था नियम
- बिना FASTag वाले वाहनों को टोल का दोगुना नकद भुगतान करना पड़ता था।
- अब UPI से केवल 1.25 गुना टोल फीस देनी होगी।
- उदाहरण: टोल फीस 100 रुपये होने पर पहले 200 रुपये नकद देने पड़ते थे, अब UPI से सिर्फ 125 रुपये ही देना होगा।
टोल कलेक्शन का हाल
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2025 में टोल कलेक्शन 7,052.91 करोड़ रुपये तक पहुंचा। यह पिछले साल की तुलना में करीब 26% ज्यादा है। मई 2025 में सबसे ज्यादा 7,087.16 करोड़ रुपये वसूले गए थे। बारिश और सड़क क्षति जैसी चुनौतियों के बावजूद कलेक्शन लगातार मजबूत बना हुआ है।
क्यों अहम है यह बदलाव
- ड्राइवरों को नकद लेन-देन की झंझट से राहत मिलेगी।
- टोल सिस्टम और पारदर्शी होगा।
- टोल एजेंसियों पर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए रखने का दबाव बढ़ेगा।
सरकार का यह नया नियम ड्राइवरों के लिए यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ देश के टोल कलेक्शन सिस्टम को डिजिटल और आधुनिक बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।