देश और दुनियां में शिक्षा बच्चों के भविष्य को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाती है। और बच्चों के भविष्य पर उनके देश का भविष्य निर्भर होता है। स्कूल सिर्फ सुबह उठकर, नहा-धोकर, टिफिन पैक करके और कंधे पर बस्ता टांगने भर का प्रोसेस नहीं है।
शायद इसीलिए ज्यादातर देशों में बजट का बड़ा हिस्सा शिक्षा के नाम पर जाता है। लेकिन ज्यादातर देशों में शिक्षा के नाम पर वहां के बच्चों के भविष्य से खिलवाड की जाती है। शिक्षा की बात शिक्षकों के बिना अधूरी है।
ट्राबाजो या स्कूल स्पेन में बसा ये स्कूल अपने आप में पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। ये स्कूल वैश्यावृत्ति की बारिकियों के बारे में बताता है। इसके लिए लोग फीस देकर एडमिशन लेते हैं और इस स्कूल को स्पेन की सरकार से मान्यता भी मिली हुई है।
हेजल वुड एकेडमी स्कॉटलेंड का ये स्कूल बड़ा ही दिलचस्प और अपने आप में अनूठा स्कूल है। यहां उन बच्चों को दुनियादारी सिखाई जाती है जो देख सुन नहीं सकते। इस स्कूल की दीवारों से लेकर जमीन तक में एक खास तरह की डिजाइन और वाइब्रेशन है।
टिंकरिंग स्कूल इस स्कूल में बच्चों को किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता है। बल्कि 6 साल के बच्चों से लेकर दसवीं में पढ़ने वालों तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है कि कैसे जीवन में आने वाली मुसीबतों और समस्याओं को सुलझाया जाता है।
एल्फ स्कूल ये एल्फ स्कूल एक आइलैंड पर है। टेन्ट स्कूल साल 2010 में पोर्ट ओउ प्रिंस में आई तबाही ने सबकुछ तबाह करके रख दिया था। यूनिसेफ ने बच्चों की पढ़ाई जल्द से जल्द दोबारा शुरू करने के लिए टेंट स्कूल शुरू किए थे। यूनिसेफ की ये कोशिश रंग भी लाई है।
मोबाइल स्कूल यहां छात्र नहीं बल्कि स्कूल बच्चों तक खुद चल कर आता है। कोलंबिया और अमेरिका में काफी मशहूर ये स्कूल स्पेन और ग्रीस में भी काफी पसंद किया जा रहा है।बेयरफुट स्कूल राजस्थान के अजमेर के छोटे से गांव तिलोनिया में एक अनूठा स्कूल है।
ब्रूक लिन फ्री स्कूल इस स्कूल के बारे में जानने के बाद आपका दिल भी करेगा इसमें एडमिशन लेने का। इस स्कूल में न एग्जाम होता है, न रिजल्ट आता है, न अटेंडेंस का झंझट है।
ग्रे स्कूल ऑफ विजार्डी ये स्कूल हैरी पॉटर के डंबल डोर जैसे दिखने वाले ग्रेल एवनहर्ट ने तैयार किया है। इस स्कूल की स्थापना साल 2004 में की गई थी। यहां ऑनलाइन पढ़ाई होती है।
एबो एलिमेंट्री स्कूल न्यू मैक्सिका आर्टिस्टा के लोगों को पहले से पता था कि कोल्ड वार के दौरान वहां बमबारी होगी। शायद इसीलिए उन्होंने एक ऐसा स्कूल बनाया जो जमीन के ऊपर नहीं बल्कि नीचे चलता है। यह हैं दुनियां के अजीबो गरीब तरह के स्कूल हैं।