वायरस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने के बावजूद ईरान के नेता आशावादी

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ईरान के नेताओं ने शुक्रवार को फारसी नव वर्ष के उपलक्ष्य में दिए गए आशावादी संदेशों में कोरोना वायरस के प्रकोप से पार पाने की प्रतिबद्धता जताई जबकि देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उसी दिन 149 और लोगों की इस वायरस से मौत की जानकारी दी। ईरान में करोना वायरस के चलते मरने वालों की संख्या 1,433 पर पहुंच गई है। ईरान पश्चिम एशिया में वायरस के प्रकोप का सबसे बुरी तरह शिकार होने वाले देशों में शुमार है जहां करीब 20,000 लोगों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। वायरस के प्रभाव को रोकने के लिये अपनी धीमी प्रतिक्रिया के कारण उसकी चौतरफा आलोचना भी हो रही है।

देश के शीर्ष नेता आयतुल्ला अली खमनेई ने नव वर्ष को ईरान की अर्थव्यवस्था के लिए “उत्पादन में उछाल का वर्ष” साबित होने वाला बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2015 के परमाणु समझौते से बाहर होने और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से ही देश की अर्थव्यवस्था संकट में है। राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी नवरोज के तौर पर प्रसिद्ध नव वर्ष के मौके पर दिए अपने संदेश में बेहतर अर्थव्यवस्था का वादा किया। उन्होंने कहा, “हम एकजुटता, कड़ी मेहनत और सहयोग से बहुत जल्द कोरोना वायरस को पीछे छोड़ देंगे।” रूहानी ने चौतरफा आलोचनाओं के मद्देनजर इस वैश्विक महामारी के प्रति अपनी सरकार की प्रतिक्रिया का बचाव किया है।

उनकी सरकार पर आरोप हैं कि अधिकारियों ने बहुत धीमे कार्रवाई की और देश में संक्रमण तेजी से फैलने से पहले संभवत: शुरुआती मामलों को दबाया भी। उन्होंने इस मौके पर पिछले साल की कथित उपलब्धियों का भी विशेष उल्लेख किया जिनमें अमेरिका के उन्नत ड्रोन मिसाइल को मार गिराना और बगदाद में ईरान के शीर्ष जनरल की हत्या के जवाब में इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दागना शामिल है। रूहानी ने ईरान वासियों को आश्वस्त किया कि उनका प्रशासन आने वाले साल में स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करेगा और कहा कि उनके पास मूलभूत सामग्रियों का पर्याप्त भंडार है।