गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में District Good Governance Index-DGGI की वर्चुअल माध्यम से की शुरुआत

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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में ज़िला सुशासन सूचकांक (District Good Governance Index-DGGI) की वर्चुअल माध्यम से शुरुआत की।इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायतएवंपेंशन राज्य मंत्रीडॉ जितेंद्र सिंह और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का दिन सिर्फ़ जम्मू-कश्मीर के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज जो नई शुरूआत जम्मू-कश्मीर ने की है वो देश के हर राज्य में जाएगी और फिर देश के हर ज़िले में सुशासन की एक स्वस्थ स्पर्धा शुरू होगी। सुशासन को अगर सच्चे अर्थों में ज़मीनी स्तर तक पहुंचाना है, इसके लिए ज़िला एक महत्वपूर्ण इकाई है और जब तक ज़िले में सुशासन नहीं होता है तब तक इसके कोई मायने नहीं हैं।

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में PM नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एलजी मनोज सिन्हा जिस प्रकार से सरकार चला रहे हैं उससे नए भारत की परिकल्पना के अनुरूप बहुत बड़ा परिवर्तन जम्मू-कश्मीर में देखने को मिला है। ये सुशासन इन्डेक्स के ज़रिए ज़िलों के बीच जो स्पर्धा होगी इससे बहुत बड़ा फ़ायदा जम्मू-कश्मीर की आम जनता को होगा। केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियां, योजनाएं और कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग को इस इन्डेक्स में समाहित किया गया है। इसके आधार पर जब सभी ज़िलों में स्पर्धा होगी तब सेवाओं का स्तर भी सुधरेगा और इससे जम्मू-कश्मीर में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा।  शाह ने कहा कि PM मोदी द्वारा गुड गवर्नेंस इन्डेक्स की शुरूआत करने के बाद राज्यों के बीच एक स्वस्थ स्पर्धा शुरू हुई थी और आज जम्मू-कश्मीर ज़िला गुड गवर्नेंस इन्डेक्स, जो गवर्नेंस इन्डेक्स-2021 पर आधारित है, इसके साथ ही अब देशभर के ज़िलों के बीच भी लोकाभिमुख सुशासन देने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी।

गृह मंत्री ने कहा कि ये इन्डेक्स ज़िलों की रैंकिंग और तुलनात्मक तस्वीर भी पेश करेगा जिससे ज़िले के काम का मूल्यांकन करते समय ये पता होगा कि ज़िले में किस क्षेत्र में ज़्यादा सुधार की ज़रूरत है। ज़िला गुल गवर्नेंस इन्डेक्स द्वारा किया गया मूल्यांकन बुनियादी ढांचे को भी सुधारने के लिए एक अच्छा मानक तय करेगा। जम्मू-कश्मीर ज़िला सुशासन सूचकांक में 116 डेटा आइटम के साथ शासन के 10 क्षेत्र और 58 सूचकांक लिए गए हैं, जिनमें, कृषि सेवाएं, वाणिज्य और उद्योग, मानव संसाधन, पर्यावरण, न्याय और सार्वजनिक सुरक्षा, सामाजिक कल्याण और विकास शामिल हैं।

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में वर्ष 2019 में PM मोदी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा परिवर्तन शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि जिस कश्मीर में केवल 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार ही सत्ता की हिस्सेदारी में होते थे, वहां आज ग्रामस्तर से लेकर राज्य तक 30 हज़ार से अधिक जनता के नुमाइंदे जनता की सेवा कर रहे हैं। पंचायत एक्ट के इम्प्लीमेंटेशन के परिणाम आने वाले एक दशक में कश्मीर की जनता के सामने होंगे। जम्मू-कश्मीर की आवाम के30 हज़ार राजनीतिक प्रतिनिधि कश्मीर ज़िला सूचकांक के 116 डेटा आइटम और 58 सूचकांक इन्डेक्स के साथ कश्मीर का विकास सुनिश्चित करेंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुछ राजनीतिक पार्टियां आहत है,  

गृह मंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां आहत हैं क्योंकि उनके परिवार की गिरफ़्त में निकलकर जम्मू-कश्मीर में पंचायतीराज आया है। ऐसे लोग कहते हैं जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद यहां क़ानून व्यवस्था बिगड़ी है। मैं इन लोगों को बताना चाहता हूं कि अप्रैल, 2017 से 2019 और 2019 से 2021 के काल का अगर तुलनातत्मक अध्य्यन करें तो आतंकवादी घटनाओं में 40 प्रतिशत की और मृत्यु में 57 प्रतिशत की कमी हुई है। ये बताता है कि शांति का नए सुधारों के साथ नहीं बल्कि प्रशासन के साथ मतलब है। जब जनता को अच्छा प्रशासन मिलता है तो वो अपने आप विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदार बन जाती है।

शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत सरकार की सभी योजनाओं में आज जम्मू-कश्मीर एक से पांच स्थान पर है। चाहे विधवा सहायता योजना हो, चाहे वज़ीफ़े पहुंचाने हों, चाहे प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को पूरे जम्मू-कश्मीर में लागू करना हो, रसोई गैस पहुंचानी हो, बिजली पहुचानी हो, शौचालय पहुंचाना हो, शत प्रतिशत टीकाकरण करना हो, कोविड के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता करनी हो या प्लांट लगाने हों– हर क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर ने दो साल में लाभार्थियों को सीधा लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है। स्वाभाविक है बिचौलिए इससे नाराज़ होंगे, लेकिन हमें उनकी नाराज़गी का कोई डर नहीं है। PM नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट उद्देश्य है कि जम्मू-कश्मीर की जनता को भ्रष्टाचार-रहित शासन मिले, उन्हें अपने वज़ीफ़े के लिए किसी को कुछ देना ना पड़े, उन्हें अपनी योजनाओं के फ़ायदे के लिए किसी बिचौलिए की ज़रूरत ना पड़े। आज जम्मू-कश्मीर के सभी किसानों को 6 हज़ार रूपये सीधे उनके बैंक खाते में मिल रहे हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि PM मोदी के नेतृत्व में जम्मू में एक एम्स बना, कश्मीर में एक एम्स बना, आईआईटी, आईआईआईएम औरआईआईएमसीजम्मू में बने, नीट, श्रीनगर का आधुनिकीकरण किया गया, राष्ट्रीय फ़ैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, निफ्ट बना, 9 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज बने, अनंतनाग, बारामूला, राजौरी,डोडा, कठुआ, हंदवाड़ा,ऊधमपुर। 15 नर्सिंग कॉलेज बने, दो कैंसर इंस्टिट्यूट बने, एक जम्मू और एक कश्मीर में, दो पॉलिटेक्निक कॉलेज मिले और जिस जम्मू कश्मीर के युवक को डॉक्टर बनने के लिए पाकिस्तान और विदेश जाने के लिए पिछले शासकों ने मजबूर किया था, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 1947 से लेकर 2014 तक जम्मू कश्मीर में 4 मेडिकल कॉलेज थे और 500 सीट थी। लेकिन आज 9 मेडिकल कॉलेज बने हैं, 15 नर्सिंग कॉलेज बने हैं और 1100 एमबीबीएस की सीटें और 600 पैरामेडिकल सर्विस की सीटें हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए भी पारदर्शिता बहुत जरूरी थी। हमने सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के द्वारा 25000 युवाओं को इतने अल्पकाल के अंदर नौकरी दी है। 7000 नियुक्ति पत्र भी दिए जा रहे हैं, खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से लगभग 2,16,000 लोगों को गृह उद्योग और अन्य उद्योगों के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि 70 साल का निवेश एक ओर 12000 करोड रूपए का था और एक ही साल में 12,000 करोड़ रूपएके निवेश के एमओयू जम्मू और कश्मीर में हो चुके हैं और 2,000 करोड़ रूपए कीग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी हो चुकी हैं।

अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के लिए अब तक की सबसे अच्छी औद्योगिक नीति बनाई है जिसके तहत लगभग 50,000 करोड़ रूपएका निवेश जम्मू कश्मीर में आने वाला है जिससे 5 लाख युवाओं को रोज़गार मिलेगा। मिशन यूथ के तहत ढेर सारे युवाओं को जोड़ने का कार्यक्रम एलजी ने चलाया है। यूथ क्लबों के माध्यम से लोकतांत्रिक जागृति और सेवाओं का विस्तार और उनकी रोजगारी का भी विस्तार, यह तीनों काम एक साथ हो रहे हैं।मैंने अपनी पिछली यात्रा के दौरान जम्मू कश्मीर के 63,000 से ज्यादा युवाओं के साथ ऑनलाइन बात की थी। पिछले 3 वर्ष में जम्मू कश्मीर में 9,000 विकास कार्यों से बढ़कर 21,000 विकास कार्य पूरे हुए हैं, यही बताता है कि जम्मू कश्मीर के आवाम का भला मोदी जी की प्राथमिकता है। कृषि और बागवानी में भी कई सुधार करने का प्रयास हो रहा है। जब कर्फ्यू था तब सेब की बिक्री अच्छे दामों पर हो, यह सुनिश्चित करने के लिए काफी प्रयास किया गया, ग्रांट भी दी गई और जम्मू कश्मीर में भंडारण सुविधा बढ़ाने के लिए भी बहुत ध्यान दिया गया है। पिछले 1 वर्ष के दौरान 35,000 मीट्रिक टन भंडारण सुविधा का निर्माण कार्य चल रहा है जिससे आने वाले दिनों में फलों और फूलों को बचाया जा सकेगा।

कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी राजमार्ग-44 पर संतोषजनक रूप से काम चल रहा है। जवाहर सुरंग के आसपास भारी हिमपात और हिमस्खलन के कारण विगत वर्षों में बार-बार अवरुद्ध होने की समस्या इस साल दूर हो जाएगी और राजमार्ग 44 का बनना जम्मू कश्मीर के विकास में एक वरदान साबित होगा। 4,509 करोड रुपए की अनुमानित लागत से 14 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग का काम भी आगे बढ़ रहा है। श्रीनगर सोनमर्ग मार्ग पर साढ़े 6 किलोमीटर लंबी सुरंग का कार्य भी प्रगति में है। दोनों क्षेत्रों के बीच रेलवे कनेक्टिविटी स्थापित करने का काम भी समय पर पूरा हो जाएगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जहां तक डेमोक्रेटिक प्रोसेस का सवाल है, डीलिमिटेशन शुरू हो चुका है औरतुरंत ही चुनाव कराए जाएंगे और उसके बाद जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए मैंने खुद लोकसभा में आश्वासन दिया है कि जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाएगी, जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा।मेरा आप सबसे आग्रह है कि विकास की ओर ध्यान दीजिए,विशेषकर घाटी का युवा विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदार बने, नई राजनीतिक प्रक्रिया, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सेदार बने और अपने भविष्य को स्वर्णमय बनाएं, यही मेरा सबसे आग्रह है।