हरियाणा सरकार ने खराब फसलों के मुआवजे हेतु खोला ‘ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल; लिंक जारी मांगा नुकसान का ब्योरा

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5 दिनों की बारिश से फसलों के हुए नुकसान की जानकारी हरियाणा सरकार ने किसानों से मांगी है। विशेष गिरदावरी करने के साथ ही फसल का नुकसान जानने के लिए E-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल लिंक लॉन्च किया गया है। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसान अपने मोबाइल नंबर और परिवार पहचान पत्र से फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर नुकसान की डिटेल भर सकते हैं। जानकारी के अभाव के कारण कुछ किसान फसल के नुकसान का मुआवजा नहीं ले पाते हैं। किसानों की सुविधा के लिए हरियाणा सरकार अपने फसलों के नुकसान की ऑनलाइन रिपोर्ट भेजने की सुविधा दे रही है।

हरियाणा सरकार ने फसल बर्बादी पर दिए जा रहे मुआवजे को लेकर ट्वीट किया है. ट्वीट के मुताबिक, सरकार के इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कर लें. इसके बाद पटवारी द्वारा आपके आवेदन और फसल की स्थिति की जांच की जाएगी. पटवारी की रिपोर्ट मिलने के बाद खट्टर सरकार द्वारा मुआवजे की राशि सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

 

इसके बाद पटवारी एक हफ्ते में फील्ड में जाकर नुकसान की जांच करेंगे। पोर्टल पर किसानों को जमीन का खसरा नंबर देने के साथ फसल के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी, जैसे- फसल का बीमा है या नहीं और कितनी एकड़ में फसल कितने प्रतिशत तक खराब हुई है। राज्य के पटवारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पोर्टल पर अपलोड होने वाली डिटेल की फील्ड में जाकर जांच करें। किसानों द्वारा दी गई खराबे की जानकारी और फोटोग्राफ का भौतिक सत्यापन किया जाए। 7 दिन में पटवारी अपनी रिपोर्ट फाइल करें। इसके बाद सरकार फसल का नियमों के अनुसार किसानों को मुआवजा देगी।

हरियाणा में 5 दिन बारिश होने से किसान टेंशन में आ गए हैं, क्योंकि प्राथमिक रिपोर्ट में राज्य के 8 लाख एकड़ खेतों में बारिश का पानी भर गया है, जिसे निकालने में 7 दिन का समय लगेगा। हालांकि हरियाणा सरकार ने सभी जिलों के DC को खेतों से पानी निकालने की हिदायत दी है। फसलों को हुए नुकसान के लिए स्पेशल गिरदावरी शुरू करने के निर्देश भी सरकार की ओर से जारी कर दिए गए हैं।

पिछले पांच दिनों में प्रदेशभर में तेज बारिश हुई है। इससे कपास, धान समेत सब्जी की फसलें खराब हुई हैं। इसके साथ ही लाखों एकड़ फसल में पानी जमा हो गया है। अगर समय पर पानी की निकासी नहीं हुई तो फसलों के खराब होना तय है। करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, रोहतक, सोनीपत, झज्जर और भिवानी समेत कई जिलों में लाखों एकड़ फसल में पानी जमा है।