उत्तराखंड में आग से फिर धधकने लगे जंगल

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उत्तराखंड: कोरोना की पहली लहर में जहां जंगलों में आग की घटनाओं में रिकॉर्ड कमी आई थी, वहीं दूसरी लहर में पाबंदी हटने के बाद अचानक से आग की घटनाओं में वृद्धि हुई है।तीसरी लहर समाप्त होने के साथ अब फिर से फायर सीजन शुरू हो गया है। करीब डेढ़ माह से ज्यादा समय में ही जंगलों में आग की 86 घटनाएं सामने आई हैं।

गर्मी व जंगलों में पड़े ज्वलनशील चीड़ के चलते खतरा बढ़ गया है। वन विभाग हर साल 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन मनाता है। वहीं 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो चुका है। 28 मार्च तक आग की 87 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। जिस तरह से मार्च में तापमान में वृद्धि हो रही है, उससे इस बार 2021 का रिकॉर्ड टूटने की आशंका जताई जा रही है। इसमें 106.52 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया है। 2.66 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है।

मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं वन प्रभाग डॉ. तेजस्विनी पाटिल का कहना है कि वनों में आग से सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। मॉडल क्रू स्टेशन बनाए जा रहे हैं, ताकि वनों की आग पर तुरंत काबू पाया जा सके। फायर वॉचर भी रखे जा रहे हैं। नियमित स्टाफ की कमी है, उसको पूरा करने के लिए मुख्यालय को लिखा गया है।