Film Review: समय की बर्बादी है ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’, लोगों ने कहा- बकवास…

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आमिर खान, अमिताभ बच्चन, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख स्टारर फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान रिलीज हो चुकी है। फिल्म को काफी बेसब्री थी, लेकिन बता दें फिल्म रिलीज के बाद दर्शक थोड़े निराश हो चुके हैं।फर्स्ट डे फर्स्ट शो हो चुका है और फिल्म को लेकर काफी निगेटिव रिएक्शन आ रहे हैं। फिल्म की कहानी और डाइरेक्शन ने दर्शकों को काफी निराश किया है। फिल्म पूरी तरह से अमिताभ बच्चन के कंधों पर है।

फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान’ सन 1795 के उस दौर की कहानी बताती है, जब हिंदुस्तान की तमाम रियासतों पर अंग्रेजों का राज हो चुका था और बची-खुची रियासतों पर भी उनकी नजर थी। ऐसी ही एक रियासत रौनकपुर को अंग्रेज कमांडर जॉन क्लाइव (लॉयड ओवेन) धोखे से कब्जा लेता है।वहां के नवाब मिर्जा सिकंदर बेग (रोनित रॉय) के परिवार को अंग्रेज मार देते हैं, लेकिन उसकी बेटी जफीरा (फातिमा सना शेख) को राज्य का वफादार खुदाबख्श आजाद (अमिताभ बच्चन) बचा कर ले जाता है।

करीब एक दशक तक आजाद छुपकर अपने लोगों को इकट्ठा करता है और फिर अंग्रेजों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ देता है। इस जंग में जफीरा भी अपने परिवार का बदला लेने के लिए उसके साथ है। इसी बीच खुदा बख्श और फिरंगी मल्लाह की मीटिंग होती है।  कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब ईस्ट इंडिया कंपनी का जनरल क्लाइव, इन सब को बहुत परेशान करने लगता है। सुरैया (कैटरीना कैफ) अंग्रेजी शासकों का दिल बहलाने का काम करती है। कहानी में कई सारे मोड़ आते हैं और अंततः एक रिजल्ट आता है जिसे जानने के लिए फिल्म देखनी पड़ेगी।
फिल्म की कहानी दिलचस्प है लेकिन निर्देशन कमजोर। कहानी की रफ्तार कई जगह सुस्त हो जाती है। इसे और बेहतर किया जा सकता था। हालांकि जिस तरह से 17वीं शताब्दी को दर्शाया गया है वह लाजवाब है।

अमिताभ ने एक बार फिर से  बेहतरीन अभिनय का किया है। आमिर खान ने दिल जीतने की पुरजोर कोशिश की है। जो मुकम्मल भी हुई है। दोनों के बीच फिल्माए गए बहुत सारे सीक्वेंस कमाल के हैं।दर्शकों की मानें तो फिल्म और दर्शकों के बीच कोई कनेक्ट ही नहीं है। फिल्म में कुछ एक सीन्स ही ऐसे हैं.. जो आकर्षित करते हैं।

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