योग को सार्वजनिक जीवन का अंग बनाए समाज का हर वर्ग: मनोहर लाल

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमें योग को सार्वजनिक जीवन का अंग बनाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में व्यापक स्तर पर कार्य करने के लिए समाज के हर वर्ग का आह्वान किया। इस मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी योग को विस्तार दिए जाने की दिशा में हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।

Imageमुख्यमंत्री मनोहर लाल आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान द्वारा विज्ञान भवन, दिल्ली में आयोजित ‘योग महोत्सव-2022’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि “योग” निरोगी काया और अविचल मन तथा आत्मा को सात्विक करने का एक अद्भुत जरिया है। उन्होंने योग के माध्यम से अपने कार्यों में कुशलता लाने व सामाजिक जीवन में संतुलन लाने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने योग को विश्वपटल पर पहचान दिलाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। हरियाणा सरकार द्वारा योग के साथ-साथ प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को भी विस्तार दिए जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हरियाणा में चेयरमैन डॉ जयदीप आर्य के नेतृत्व में योग आयोग का गठन किया गया है। प्रदेशभर में 1 हजार योग व्यायामशालाएं स्थापित की गई हैं। योग शिक्षकों की नियुक्ति की गई हैं। योग शिक्षकों को संख्या 2 हजार तक बढ़ाई जा रही हैं। कुरूक्षेत्र में 94.5 एकड भू-क्षेत्र पर 1 हजार करोड रूपये की लागत से श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है।

Imageमुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष इकाइयां प्रारंभ करने की प्रक्रिया जारी है। आयुष हैल्थ वेलनैस सेंटर योजना के अंतर्गत आयुर्वेदिक औषद्यालयों को आयुष हैल्थ वेवनैस सेंटर के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में योग को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री ने आर्गेनिक कृषि क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए सिक्किम राज्य की प्रशंसा की। केंद्रीय वन,पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन व श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राकृतिक जीवन पद्धति के आह्वान का विशेष रूप से जिक्र किया। इस मौके पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, केंद्रीय आयुष व महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई, केंद्रीय विदेश एवं सांस्कृतिक कार्य राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी व परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती भी मौजूद रहे।