अपने जज्बे और हौसले के बदौलत उत्तराखंड की बेटी ने चुनौतियों को दिया मुहतोड़ जवाब, एक बेटी की टैक्सी चालक बनने की कहानी

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जहाँ पूरे विश्व में भारतीय मातृशक्ति का डंका बज रहा है,भारतीय महिलाएं भी पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है और अपना लोहा मनवा रही है। इस बात की मिसाल बनी उत्तर भारत के एक छोटे से गाँव की बेटी जिसने अपने कृत्य से समूचे उत्तराखंड में सबको चौका दिया है। जी हां हम आपको रूबरू कराने जा रहे है उत्तराखंड की एक ऐसी बेटी से जिसने टैक्सी चालक बनकर चुनौतियों को मुहतोड़ जवाब दिया है और नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है।

हम बात कर रहे हैं मूल रूप से बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र के बेटा गांव निवासी रेखा पाण्डेय की जिनका ससुराल अल्मोड़ा जिले के रानीखेत के ताड़ीखेत में स्थित है। आपको बता दें कि रेखा लोहनी पाण्डेय टैक्सी ड्राइवर का काम पिछले 2 महीने से कर रही हैं। अब रेखा पाण्डेय उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर होंगी।

चालक रेखा के पति फौज से रिटायर्ड हैं उन्होंने बताया कि पति मुकेश चंद्र पांडे को कुछ महीने पहले पीलिया हो गया और उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया ऐसे में परिवार की आजीविका चलाने की जिम्मेदारी रेखा के कंधों पर आ गई। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी रेखा ने हिम्मत नहीं हारी और खुद ही टैक्सी चलाने का निर्णय ले लिया। आपको बता दें कि पिछले दो-तीन महीनों से रेखा खुद अपने पति की टैक्सी चलाती हैं और प्रतिदिन यात्रियों को रानीखेत से हल्द्वानी और हल्द्वानी से रानीखेत तक जाती है। रेखा की इस इच्छा शक्ति आज वह पूरे सोशल मीडिया पर छाई हुई है और हर कोई उनकी तारीफ करते नहीं थक रहा है। बताते चलें कि रेखा ने डबल मए (MA) के साथ मास्टर्स इन सोशल वर्क (MSW) और (LLB) तक की पढ़ाई की है।

उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर रेखा लोहानी पांडे से फोन पर बात कर उन्हें प्रदेश की अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनने के लिए बधाई दी।

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