बरेली में पंचायत ने एक महिला के सामने एक ऎसा प्रस्ताव रखा है। जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएगे। कि कैसे जब एक माँ ने अपने बेटे को पाने के लिए पंचायत के सामने गुहार लगाई, तो पंचायत ने माहिला के सामने एक अजीब सी शर्त रख दी।जानकारी के मुताबिक, एक महिला के पहले पति ने उसे तलाक देने के बाद उससे उसका बेटा छीन लिया। मामला पंचायत में पहुंचा, तो पंचों ने समझौते के नाम पर महिला के सामने अजीब शर्त रख दी। कहा, 15-15 दिन दोनों शौहर के साथ रह लो। आरोप है कि पुलिस ने भी मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। आखिरकार परेशान होकर महिला हेल्पिंग सोसाइटी के शरण में पहुंची।बता दें कि, अर्शी नामक एक महिला का निकाह साल 2012 में बहेड़ी के लईक से हुआ था। तीन साल बाद देहज को लेकर लईक ने उसे तलाक देकर घर से निकाल दिया था। मजबूरी में अर्शी दुधमुहे बेटे को लेकर मायके रहने आ गई, फिर 2017 में बरेली में ही दूसरी शादी कर उसने नई जिंदगी शुरू की। लेकिन पिछले साल अगस्त में लईक आया और उसका बेटा छीन कर ले गया। अर्शी का आरोप है कि थाने में तहरीर देने और एसएसपी से तीन बार मिलने के बावजूद भी इस पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अर्शी ने बताया कि इसके बाद यह मामला पंचायत में पहुंचा, जहां पंचों ने समझौते के नाम पर अर्शी के सामने अजीब शर्त रखी। अर्शी की परेशानी का हल पंचों ने यह कह कर दिया कि वह 15-15 दिन दोनों शौहर के साथ रह ले। पंचायत के इस बेतुके फैसले पर अर्शी ने कहा कि वो एक औरत हैं कोई सामान नहीं, जो बांट दी जाए।
वही अर्शी का आरोप है कि पहला शौहर तलाक की बात से मुकर गया है जबकि उसने तलाक कहकर उसे घर से निकाला था. अर्शी ने कहा कि मैंने अपने बेटे के अपहरण का जो केस लिखवाया है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उल्टा मेरे ही खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। ऐसे में अर्शी ने आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी से मदद की अपील की है।
सोसाइटी की अध्यक्ष निदा खान ने इस मामले पर कहा कि पीड़ित महिला के साथ पहले ही बहुत ज्यादती हुई है। उस पर से पुलिस भी उसकी मदद नहीं कर रही है। अब जब वो नई जिंदगी शुरू करने जा रही है, तो उसे भी बर्बाद किया जा रहा है। वहीं पंचों को फैसले पर अध्यक्ष का कहना है कि ये उनकी घिनौनी सोच को दर्शाती है।