दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि बढ़ाने की घोषणा गुरुवार को की। एक सरकारी वक्तव्य के अनुसार मुआवजा देने के वास्ते किसी बहुमंजिला इमारत के प्रत्येक तल को एक आवासीय इकाई माना जाएगा। वक्तव्य के अनुसार आवासीय इकाइयों में घरेलू सामान की पूरी लूट के मामले में एक लाख रुपए और आंशिक लूट मामले में पचास हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा। पिछले सप्ताह हुई हिंसा में क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों को दस लाख रुपए तक मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकान के मालिक को पांच लाख और किराएदार को एक लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने क्षतिग्रस्त हुए ई रिक्शा के लिए पहले पचास हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की थी लेकिन अब मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि क्षतिग्रस्त हुई ई स्कूटी के लिए भी उतनी ही मुआवजा राशि दी जाएगी। वक्तव्य में कहा गया कि मुआवजा दिए जाने के दौरान एक ही इमारत में कई मालिक और किराएदार होने की बात सामने आई थी। इसलिए दिल्ली सरकार ने अब निर्णय लिया है कि प्रत्येक तल को एक अलग आवासीय इकाई माना जाएगा। वक्तव्य में कहा गया, “निर्णय के अनुसार किसी आवासीय संपत्ति के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर प्रत्येक तल के मालिक को चार लाख रुपए दिए जाएंगे और घरेलू सामान को हुए नुकसान के लिए एक लाख रुपए दिए जाएंगे जो तल के किराएदारों में बांटा जाएगा।
मंत्रिमंडल ने मामूली रूप से क्षतिग्रस्त आवासीय इकाइयों के लिए मुआवजा राशि 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपए कर दी है। प्रत्येक तल में सामान को हुए नुकसान के लिए किराएदारों में पच्चीस हजार रुपए की त्वरित सहायता राशि बांटी जाएगी। आवासीय इकाइयों में पूरे सामान की चोरी और लूट मामलों में एक लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा और आंशिक रूप से हुई चोरी के लिए पचास हजार रुपए दिए जाएंगे। सभी मामलों में मुआवजे का दावा करने वालों को प्राथमिकी की प्रति दिखानी होगी। हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों को भी मुआवजा देने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। एक हजार बच्चों वाले क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों को पांच लाख रुपए दिए जाएंगे और एक हजार से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को दस लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।