कोच गौतम गंभीर का पाकिस्तान पर कड़ा रुख, कहा- जब तक आतंक जिंदा है, क्रिकेट नहीं हो सकता

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भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेटिंग रिश्तों को पूरी तरह खत्म करने की जोरदार अपील की है। उन्होंने साफ कहा है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद बंद नहीं होता, भारत को पाकिस्तान के साथ एशिया कप और आईसीसी टूर्नामेंट्स में भी खेलने से इनकार कर देना चाहिए।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद गंभीर का यह बयान आया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। हमले में अधिकतर पीड़ित पर्यटक थे, जिससे देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई।

गंभीर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बंद नहीं करता, तब तक उनके साथ कोई भी खेल नहीं होना चाहिए न एशिया कप, न वर्ल्ड कप, न कोई और टूर्नामेंट। क्रिकेट और फिल्में बाद में आती हैं, लेकिन जब एक नागरिक अपने घर का सदस्य खो देता है, तो वह खालीपन हमेशा के लिए रह जाता है।”

भारत और पाकिस्तान के बीच 2007 के बाद से कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं हुई है। दोनों टीमें केवल बहुराष्ट्रीय आयोजनों जैसे एशिया कप या वर्ल्ड कप में ही भिड़ती हैं। हालांकि, गंभीर अब यह भी चाहते हैं कि भारत इन टूर्नामेंट्स में भी पाकिस्तान के खिलाफ मैदान में न उतरे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार और बीसीसीआई का निर्णय है, लेकिन उनकी व्यक्तिगत राय है कि “कोई भी मैच एक भारतीय सैनिक की शहादत से बड़ा नहीं हो सकता।”

“हमारे लिए सिंधु, सिनेमा या सीरीज से पहले शहीदों की शहादत है” – गंभीर

गंभीर ने भारत सरकार के हालिया कदमों, जैसे सिंधु जल संधि को स्थगित करना और अटारी बॉर्डर को बंद करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि खेल के जरिए रिश्ते सुधारने की पुरानी नीति को छोड़कर, सख्त रुख अपनाया जाए।

एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच होगा या नहीं?
इस सवाल पर गंभीर ने दो टूक कहा, “मैं फैसला नहीं ले सकता, यह सरकार और बीसीसीआई को तय करना है। लेकिन अगर वो कहें कि नहीं खेलना है, तो पूरी टीम एकजुट होकर उस फैसले के साथ खड़ी होगी।”

उल्लेखनीय है कि भारत ने पिछली चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ अपने सारे मैच दुबई में खेले थे और टूर्नामेंट भी जीत लिया था, जबकि पाकिस्तान ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया था।

गौतम गंभीर की यह भावना देश के उस वर्ग की आवाज़ है जो मानता है कि राष्ट्र की सुरक्षा, सैनिकों का सम्मान और नागरिकों की जान, किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच या ट्रॉफी से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

“जब तक हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब तक गेंद और बल्ले के बीच कोई मुकाबला नहीं होना चाहिए।” — गौतम गंभीर