चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 आगामी 25 वर्षों में भारत की अमृत काल विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगे: अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह

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अब अंतरिक्ष अभियानों में इसरो की क्षमता नासा और रॉसकॉसमॉस से प्रतिस्पर्धा करने की है: डॉ. जितेन्द्र सिंह

इस युग को उचित रुप से मोदी युग कहा गया है और संपूर्ण विश्व ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रगतिशील नीतिगत निर्णयों के लिए उनकी प्रशंसा की है, चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 इसके परिणाम हैं: डॉ. जितेन्द्र सिंह

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा, चंद्रयान-3 और आदित्य आगामी 25 वर्षों में भारत की अमृत काल विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उधमपुर जिले के टिकरी-1बी पंचायत में पूरे देश में शुरू होने वाली अमृत कलश यात्राओं की शुरुआत का प्रतीक ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के अंतर्गत मातृभूमि की समृद्धि में लोगों की भागीदारी को दर्शाते हुए हर घर से मिट्टी और चावल का संग्रह सम्मिलित है।

उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत की हाल की अंतरिक्ष उपलब्धियां केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण ही संभव हुई हैं, जिन्होंने सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए नए मार्ग प्रशस्त किए हैं और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए “अब कोई सीमा नहीं” की बात सच साबित हो रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विगत नौ वर्षों में भारत की अंतरिक्ष यात्रा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे भारत अब नासा, रोस्कोस्मोस जैसी संस्थाओं के समकक्ष पंहुच गया है, जो अब अंतरिक्ष अभियानों के लिए इसरो के साथ सहयोग कर रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, सीमित संसाधनों के बावजूद कम लागत वाले साधनों के माध्यम से भारत ने अपने मानव संसाधन और क्षमता के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व के सामने जो सर्वोच्चता प्रदर्शित की है, उसने भारत को एक अग्रणी राष्ट्र और एक वैज्ञानिक-आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, पूरा विश्व इन सबका श्रेय पीएम मोदी को देता है, जिन्होंने सभी हितधारकों को एक साथ लाने और सामूहिक योगदान के साथ संयुक्त प्रयास करने जैसे कई प्रगतिशील नीतिगत फैसले लिए हैं।

कार्यक्रम के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोगों से अमृत कलश यात्राओं में भाग लेने, ‘पंच प्रण’ प्रतिज्ञा लेने, भारत की प्रगति और विकास के लिए प्रतिबद्ध होने का भी आग्रह किया,जिससे वो वर्ष 2047 में भारत के शिखर पर पहुंचने के साक्षी बने।