2 legal नोटिस मिलने पर बोली तनुश्री, सच बोलने की मिली सजा

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तनुश्री और नाना पाटेकर के विवादों के दौरान ही तनुश्री ने फिल्म ‘चॉकलेट’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री पर भी आरोप लगाया था। तनुश्री ने कहा था कि ‘चॉकलेट’ की शूटिंग के दौरान निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने मुझे कपड़े उतारकर डांस करने के लिए कहा था।

इसी के चलते अब तनुश्री को एक ही दिन में दो-दो लीगल नोटिस भेजे गए हैं। तनुश्री ने आधी रात को एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि उनके सच बोलने की सजा मिलनी शुरू हो गई है। तनुश्री की मानें तो इन्हीं लीगल चक्करों से बचने के लिए ही 10 साल पहले भी वह इस मामले को छोड़कर अमेरिका चली गई थीं।

तनुश्री का कहना है कि आज एक बार फिर से वैसा ही माहौल बन गया है, अगर वह फिर से इस मामले के लीगल पचड़ों में उलझेंगी तो उनकी यह नई जिंदगी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने में ही बीत जाएगी। तनुश्री ने अपने बयान में लिखा है, ‘आज मुझे 2 लीगल नोटिस भेजे गए हैं। पहला नाना पाटेकर की तरफ से और दूसरा नोटिस निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की ओर से भेजा गया है।

विवेक अग्निहोत्री और नाना पाटेकर की टीम मेरे खिलाफ पब्लिक के बीच सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर गलतफहमी पैदा कर रही है। उनके सपोर्टर्स सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए चीख-चीख कर मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

कल दोपहर जब मैं घर पर थी और मेरी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस वाले लंच ब्रेक पर गए थे, तब दो अनजान व्यक्तियों ने मेरे घर में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन मेरी बिल्डिंग के सुरक्षा गार्ड की सतर्कता की वजह से, वह मुझ तक नहीं पहुंच पाए। एमएनएस पार्टी ने भी मेरे खिलाफ हिंसात्मक धमकी दी है। मुझे मेरे सच बोलने के लिए कोर्ट कचहरी में खींचा जा रहा है। आप सब जानते हैं मामला कोर्ट में हैं, इसलिए इस बारे में मेरे सपॉर्टर और मीडियाकर्मी कुछ नहीं कह सकते हैं।’

तनुश्री ने आगे लिखा कि, ‘यह मामला मुझे मानसिक और आर्थिक रूप से भी परेशान और कमजोर कर रहा है। ऐसे मामलों में तारीख पर तारीख मिलती है, पर सही रिजल्ट नहीं मिलता, पीड़ित सारी जिंदगी न्याय का इंतजार करता है और गवाहों की अन्याय के खिलाफ लड़ने की ताकत भी कम होती जाती है। झूठे गवाह केस को कमजोर करने के लिए खड़े किए जाते हैं। इन अदालती मामलों में फैसले के इंतजार में दशकों बीत जाते हैं।

आखिरकार हमारी उम्मीद टूट जाती है और लाइफ का काफी समय नष्ट हो जाता है। हमारे देश में जिंदा रहने का यह संघर्ष बहुत पुराना है। जो आज मेरे साथ हो रहा है, यही सब 10 पहले भी हो रहा था, जिससे बचने के लिए मैं देश के बाहर चली गई थी, अगर फिर से वही कोर्ट सिस्टम दोहराया जाएगा, तो जो नई जिंदगी है वह भी खराब हो जाएगी और यही वजह है कि भारत में #metoo अभियान नहीं होता।’

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