खराब हुई फ़सल के लिए किसानों को मुआवज़ा देने और गिरदावरी करवाने का ऐलान -मुख्यमंत्री भगवंत मान

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प्राकृतिक आपदा से बर्बाद होने वाली फसलों के कारण आर्थिक तौर से बुरी तरह प्रभावित होने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज ऐलान किया कि भविष्य में ऐसे किसी भी नुकसान के लिए किसानों को तुरंत मुआवज़ा देकर गिरदावरी की प्रक्रिया बाद में मुकम्मल की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आज जिले के 15 प्रभावित कपास की खेती करने वाले किसानों को मुआवज़े के चैक देने के मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले समय के दौरान मालवा पट्टी में सफ़ेद और गुलाबी सूंडी से बुरी तरह से खराब हुई कपास की फ़सल के लिए किसानों को मुहैया करवाए गए घटिया बीज और कीटनाशकों को जि़म्मेदार ठहराते हुए इन फसलों की बर्बादी की मुकम्मल जांच करवा कर जि़म्मेदारी तय करने और दोषियों के खि़लाफ़ उचित कार्यवाही करने का ऐलान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि फसलों की बर्बादी के बाद किसानों को मुआवज़ा लेने के लिए भी जटिल प्रक्रिया से गुजऱना पड़ता है, क्योंकि उनको फ़सल की गिरदावरी होने के बाद मुआवज़ा मिलता है। दिल्ली की आप सरकार द्वारा पहले ही यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है जहाँ किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हुई फ़सल का मुआवज़ा देकर उसके बाद गिरदावरी की जाती है।

बीते समय में मालवे क्षेत्र में कपास की फ़सल को सफ़ेद और गुलाबी सूंडी के कारण हुए नुकसान के लिए प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि किसानों को घटिया बीज और कीटनाशक देने वाली सरकारें जि़म्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यदि उस समय किसानों को मानक बीज और असली कीटनाशक उपलब्ध करवाए होते तो आज किसान परिवारों को इस तरह के मंदहाली के दौर से ना गुजऱना पड़ता। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, किसानों का शोषण घटिया बीज या दवाओं से ही नहीं किया जाता था बल्कि फ़सल का नुकसान हो जाने पर उनको मामूली मुआवज़ा देकर उनके साथ कोरा मज़ाक भी किया जाता था। यहाँ तक कि सबको अन्न मुहैया करवाने वाले अन्नदाता को समय की सरकारों ने भीखारी बनाकर रख दिया।

खेती को लाभदायक व्यवसाय बनाने का वादा करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार अलग- अलग यूनिवर्सिटियों के माहिरों से विचार-विमर्श कर रही है, जिससे नई तकनीक लाकर किसानों को अच्छे मुनाफे वाली फसलों को बीजने की ओर प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम कृषि को घाटे का सौदा या मजबूरी का पेशा नहीं रहने देंगे, क्योंकि पंजाब कृषि प्रधान राज्य होने के कारण यहाँ के किसानों को आर्थिक पक्ष से मज़बूत करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य की कृषि विश्वविद्यालय को बेहतर बीज और अन्य अनुसंधानों के लिए उचित फंड देगी और बजट में भी कृषि को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन जल के महत्व का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक किलो चावल पैदा करने के लिए 3800 लीटर पानी बर्बाद होता है, जिस कारण हमें पानी की कम खपत वाली फसलों की ओर मुडऩा होगा, क्योंकि पंजाब की उपजाऊ भूमि में कोई भी फ़सल पैदा की जा सकती है।

विधायकों की पेंशन नए सिरे से तय करने के बारे में बीते दिन लिए गए निर्णय संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इस ऐतिहासिक कदम की गूँज देश भर में गई है और अधिक पेंशन लेने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का खज़़ाना लोगों के लिए होता है और अब लोगों के लिए ही खर्च किया जाएगा। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले दिन से ही 25 हज़ार बेरोजग़ार नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ देने, कच्चे कर्मचारी पक्के करने समेत लोक-हितैषी और ऐतिहासिक निर्णय लेने शुरू कर दिए हैं, जिससे पंजाब को तरक्की की बुलन्दियों तक पहुँचाया जा सके। अकेले मानसा जिले में बीते वर्ष गुलाबी सूंडी के कारण 56,372 किसानों की 1.36 लाख एकड़ फ़सल का नुकसान हुआ था, जिनको 231 करोड़ रुपए मुआवज़ा बाँटा जा रहा है। इन किसानों को 17,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा बाँटा गया।