चुनाव करीब आते ही राजनेताओं को वो सारे लोग और अपनी वो सारी गलतियां याद आने लगती है जिन्हें पिछले पांच साल के दौरान भुलाए बैठे होते है। ऐसा ही कुछ हुआ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ, चुनाव के पास आते ही पांच साल पुरानी गलती का एहसास हुआ और माफी मांगने के लिए सीधे हरिद्वार पहुंच गए। माफी मांगने उस गलती की, जो उनके मुख्यमंत्री रहते साल 2015 में हुई थी।
हरिंद्वार पहुंचकर अखिलेश यादव नें सबसे पहले अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की और साल 2015 के दौरान हुई घटना पर खेद जताते हुए माफी मांगी। दरअसल साल 2015 में काशी में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान स्थानीय प्रशासन ने संतों पर लाठीचार्ज किया था, इसी लाठीचार्ज के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और उनके शिष्यों को बुरी तरह से पीटा गया था। इतना ही नहीं, पुलिस ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के हाथ से गणेश प्रतिमा को छीनकर जबरन दूसरी जगह विसर्जित कर दिया था।
अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने ज्योतिष और शारदा-द्वारका पीठ के जगदगुरु शंकाराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से भी मुलाकात की, यहां सवाल उठता है कि अखिलेश यादव को क्या सचमुच अपनी गलती का एहसास हो गया है या सियासी पैंतराबाजी है।