11 साल बाद इस टीचर को मिला इंसाफ, लगा था छेड़छाड़ का आरोप

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चंडीगढ़- पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक छेड़छाड़ मामले की सुनवाई करते हुए हरियाणा के एक अध्यापक पर लगे छेड़खानी के आरोपो को गलत ठहराते हुए उन्हें बरी कर दिया है। दोष साबित ना होने पर कोर्ट ने टीचर को बाइज्जत बरी कर दिया और हरियाणा शिक्षा बोर्ड के तुरंत निलंबित करने वाले फैसले को भी गलत ठहराया। कोर्ट ने कहा कि टीचर पर लगाया गया कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ है। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि टीचर को 2007 यानी निलंबन से आज तक का पूरा वेतन दिया जाना चाहिए और वे सभी भत्ते भी जो एक टीचर को मिलने चाहिए।

ऐसी कोई मंशा नहीं थी- टीचर

इसके साथ-साथ हाईकोर्ट ने टीचर के निलंबन को समाप्त करने के भी आदेश दिए और जल्द से जल्द उन्हें टीचर के सभी अधिकार वापस देने के लिए भी कहा। टीचर ने खुद पर लगे आरोपों पर कहा था कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी, वे बस उन्हें ऐसे डांट रहे थे।

यह है पूरा मामला

मामला करीब 11 साल पूराना है जब एक अध्यापक पर क्लास की कुछ छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया था। छात्राओं का कहना था कि ये टीचर ‘किन ख्यालों में हो…’ कहकर उन्हें छेड़ता था। छात्राओं ने इस टीचर की शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से की थी जिसके बाद टीचर पर तुरंत कार्रवाई करते हुए हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने इस टीचर को तुरंत निलंबित कर दिया था जिसके बाद छात्राओं के परिजनों ने तुरंत पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी थी जिसके बाद से यह केस हाईकोर्ट में चल रहा था।